श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम से बाहर किए जाने के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और हेड कोच राहुल द्रविड़ पर सवाल उठाने वाले साहा की मुश्किलें बढ़ सकती है। बीसीसीआई अब साहा से इस मामले में सवाल-जवाब कर सकती है। इसके लिए बोर्ड बंगाल के विकेटकीपर को कारण बताओ नोटिस भेजने पर विचार कर रहा है। बीसीसीआई का कहना है कि वो सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में शामिल हैं और उनका इस तरह से सार्वजनिक रूप से बयान देना प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।
बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘हां, इस बात की संभावना है कि बीसीसीआई रिद्धिमान से पूछ सकती है कि सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट होने के बावजूद उन्होंने टीम चयन को लेकर सार्वजनिक रूप से कैसे बात की? जहां तक अध्यक्ष का सवाल है, गांगुली ने उन्हें प्रेरित करने की कोशिश की थी। बोर्ड अब यह जानने की कोशिश करेगा कि उन्होंने कैसे बंद कमरे में कोच राहुल द्रविड़ से हुई बातचीत को सार्वजनिक कर दिया।’
यह पूछे जाने पर कि क्या बीसीसीआई औपचारिक कारण बताओ नोटिस देगा या मौखिक रूप से इस मामले पर साहा से सवाल पूछेगा? धूमल ने कहा, ‘हमने अभी तक इस मामले पर फैसला नहीं किया है। पिछले कुछ दिनों से हम सभी बिजी हैं। लेकिन कुछ दिनों में इस पर फैसला हो जाएगा।’
37 साल के साहा ने श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में नहीं चुने जाने के बाद कहा था कि हेड कोच राहुल द्रविड़ ने उन्हें रिटायरमेंट लेने की सलाह दी थी। उन्होंने साथ ही बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को लेकर कहा था कि गांगुली ने उन्हें कहा था कि जब तब वह बोर्ड अध्यक्ष हैं, तब वह टीम में बने रहेंगे।
सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की लिस्ट में साहा ग्रुप बी में हैं और इसके लिए उन्हें सालाना 3 करोड़ रुपये मिलते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, साहा ने क्लॉज 6.3 का उल्लंघन किया है। इसके अनुसार, ‘कोई भी खिलाड़ी खेल, अधिकारियों, खेल में हुई घटनाओं, टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल, सेलेक्शन प्रोसेस या खेल से संबंधित किसी भी अन्य मामले के बारे में सार्वजनिक रूप से कोई कमेंट्स नहीं करेगा, जो किसी भी तरह से बीसीसीआई, खेल और टीम के हित में न हो।’