जामताड़ा नाव हादसे के बाद से लगातार पांचवें दिन भी रेस्क्यू अभियान जारी रहा। गुरुवार की शाम छह बजे बराकर नदी में नाव पलट गई थी। मौसम में अचानकर बदलाव और आंधी को नाव हादसे का कारण माना गया था। उसी दिन से लगातार रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया था। शुक्रवार को राहत अभियान में जुटे लोगों को कोई सफलता नहीं मिली थी। शनिवार से शवों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया। सोमवार को छह और शव नदी से निकाले गए। इससे अब तक 14 शव बरामद हो चुके हैं। पहले कहा गया था कि नाव से 14 लोग लापता हैं। लेकिन अब कहा जा रहा है कि यह संख्या ज्यादा हो सकती है। एक साइकिल भी निकाली गई है।
हादसे के चौथे दिन रविवार को एनडीआरएफ और ग्रामीणों की टीम ने एक ही परिवार के चार सदस्यों समेत सात लोगों के शवों को निकाले थे। इनमें तीन पुरुष, दो महिला व दो बच्चों के शव शामिल थे। शनिवार को एक शव निकाला गया था।
मृतकों में जामताड़ा थाना क्षेत्र के मेझिया गांव के मोमिन टोला निवासी-
अबुल अंसारी, उनकी पत्नी जुबेदा बीबी, 12 वर्षीय पुत्र अशरफ व पुत्री गुलअफशां, पंजनियां के विनोद मोहली, बंगाल वंदावनी की हसीमा खातून व करमाटांड़ के देवडीह गांव के तनवीर आलम शामिल हैं। शनिवार को एक का शव मिला था। शव की पहचान श्यामपुर गांव निवासी सहेला खातून के रूप में हुई थी।