रायपुर, 16 मार्च 2022/नगरीय प्रशासन, विकास एवं श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया द्वारा आज विधानसभा में प्रस्तुत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपने विभागों से संबंधित 3680 करोड़ 33 लाख 72 हजार रूपए की अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित की गई। इसमें नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग नगरीय निकाय के लिए 13 करोड़ 75 लाख 71 हजार रूपए, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग नगरीय कल्याण के लिए 868 करोड़ 96 लाख 72 हजार रूपए और नगरीय निकायों को वित्तीय सहायता हेतु 2641 करोड़ 57 लाख 12 हजार तथा श्रम विभाग के लिए 156 करोड़ 4 लाख 17 हजार रूपए की अनुदान मांगे शामिल हैं। अनुदान मांगों की चर्चा में विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल, श्री मोहन मरकाम, श्रीमती रंजना डीपेन्द्र साहू, श्री शैलेष पाण्डेय, श्री धरमजीत सिंह, श्री दलेश्वर साहू, श्री शिवरतन शर्मा, डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, श्री रजनीश सिंह, श्री रामकुमार यादव, श्रीमती रेणु जोगी और नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक ने भाग लिया।
नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने अनुदान मांगों पर चर्चा में कहा कि वर्ष 2001-02 में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग का बजट 167.38 करोड़ रूपए का था जो अब बढ़कर वर्ष 2022-23 में 3848 करोड़ 28 लाख का हो गया है। पिछले साल की तुलना में विभाग के बजट में इस वर्ष 256 करोड़ 37 लाख रूपए की वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में प्रदेश के निवासियों की जनआकांक्षाओं के अनुसार परिणाम मूलक कार्य किए जा रहे हैं। बजट राशि में से प्रमुख रूप से राज्य के नगरीय निकायों को चुंगी क्षतिपूर्ति कम करने के कारण अधोसंरचना विकास, राज्य प्रवर्तित योजनाओं एवं नगर विकास की विभिन्न योजनाओं के लिए आर्थिक सहायता तथा निकायों को स्थापना व्यय हेतु अनुदान दिया जाना है।
डॉ. डहरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रथम चरण में राज्य के 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट एम्बुलेंस के जरिए चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए दाई-दीदी क्लिनिक प्रारंभ किए गए हैं, जिसमें महिला स्टाफ के साथ एमएमयू महिलाओं के इलाज हेतु शहर की बस्तियों में भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना की सफलता को देखते हुए प्रदेश के समस्त नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में इसे लागू किया जा रहा है। इसके लिए इस वर्ष 50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री मितान योजना के तहत प्रदेश के नागरिकों को शासन के विभिन्न विभागों की 100 से अधिक सेवाओं का लाभ उन्हें घर पर मितान के माध्यम से निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण पारदर्शिता के साथ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से योजना प्रारंभ की गई है। इसके तहत कॉल सेंटर एवं मितान पोर्टल का उपयोग शासकीय सेवाओं से संबंधित प्रक्रिया तथा आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। योजना के लिए इस वर्ष बजट में 10 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
डॉ. डहरिया ने बताया कि श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना के तहत नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं को रियायती दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है। योजना के अंतर्गत राज्य के समस्त 169 नगरीय निकायों में श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोले गए हैं। इन दुकानों में देश की ख्याति प्राप्त कंपनियों की 251 जेनेरिक दवाएं, सीजी हर्बल प्रोडक्ट, 27 सर्जिकल आइटम आदि 50 से 80 प्रतिशत की भारी छूट के साथ उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत छत्तीसगढ़ ने देश के प्रथम ओडीएफ प्लस राज्य होने का गौरव हासिल किया है। स्वच्छ सर्वेक्षण वर्ष 2019, 2020 और 2021 में लगातार तीसरी बार छत्तीसगढ़ राज्य स्वच्छता में अव्वल रहा है। सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज 2021 में बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट का अवार्ड छत्तीसगढ़ के नाम रहा। वहीं पर छत्तीसगढ़ के 67 निकायों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार मिले।
डॉ. डहरिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का मात्र एक ऐसा प्रदेश है, जहां नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के सिद्धांतों के अनुरूप 9 हजार से अधिक स्वच्छता दीदियों द्वारा घर-घर से 1600 टन गीला एवं सूखा कचरा एकत्रित करके वैज्ञानिक तरीके से कचरे का निपटान किया जा रहा है। स्वच्छता दीदियों के मासिक मानदेय को 5000 से बढ़ाकर 6000 किया गया है। मिशन क्लीन सिटी योजना के अंतर्गत नगरीय निकायों में वैज्ञानिक रीति से ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन के लिए प्रदेश के नगर पालिक निगम अम्बिकापुर द्वारा विकसित ठोस पुनर्चक्रीकरण योग्य कचरे के पृथकीकरण की अवधारणा पर आधारित मॉडल पर 166 नगरीय निकायों में मिशन क्लीन सिटी योजना लागू की गई है। इसके तहत प्रतिदिन लगभग 1600 टन उत्सर्जित अपशिष्ट का वैज्ञानिक रीति से निपटान किया जा रहा है। इसी प्रकार से शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत शहरों में गौठानों का निर्माण किया जा रहा है।
पौनी पसारी योजना के तहत प्रदेश के सभी नगरीय क्षेत्रों के परंपरागत व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों एवं स्व-सहायता समूह की महिलाओं को कौशल उन्नयन उपरांत सघन शहरी क्षेत्रों में व्यवसाय हेतु किफायती दर पर चबूतरा उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके लिए इस साल के बजट में 26 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के नगरीय निकायों में अमृत मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत जल प्रदाय, आवर्धन योजना, भूमिगत सीवरेज, सेप्टेज मैनेजमेंट, जलाशयों का पुनर्रोद्धार तथा हरित स्थल एवं बाल उद्यान निर्माण किया जा रहे हैं। इसके लिए बजट में 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह स्मार्ट सिटी मिशन के लिए 356 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। सबके लिए आवास के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना, मोर जमीन मोर मकान, मोर मकान मोर चिन्हारी, मोर मकान मोर आस जैसी योजनाएं संचालित की जा रही है। शहरीय क्षेत्र के लोगों को राजीव गांधी आश्रय योजना के अंतर्गत पट्टे दिए जा रहे हैं।
राज्य में न्यूनतम वेतन अधिनियम, वेतन भुगतान अधिनियम, बोनस भुगतान अधिनियम, उपादान अधिनियम इत्यादि के अंतर्गत कुल 62 हजार 122 श्रमिकों को 29.87 करोड़ रूपए की राशि श्रमिकों को भुगतान की गई है। प्रवासी श्रमिकों के संरक्षण, कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से श्रमिकों का डेटाबेस तैयार करने हेतु छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति अधिसूचित की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा शहरी क्षेत्रों में नगरीय प्रशासन विभाग के सहयोग से प्रवासी श्रमिकों की ऑनलाईन जानकारी के लिए वेब पोर्टल, मोबाइल एप बनाया गया है। राज्य स्तरीय मुख्यमंत्री श्रमिक सहायता केन्द्र जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर मुख्यमंत्री श्रमिक संसाधन केन्द्र तथा गंतव्य राज्यों में प्रदेश के श्रमिकों के हित संरक्षण हेतु प्रवासी श्रम सहायता केन्द्र की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है।
छत्तीसगढ़ में दुकान एवं स्थापना अधिनियम 2017 एवं छत्तीसगढ़ नियम 2021 अधिसूचित किया गया है। इस अधिनियम के लागू होने से प्रदेश में श्रमिक नियोजित नहीं करने वाले स्थापनाओं एवं 10 से कम कर्मचारी नियोजित करने वाले दुकान एवं वाणिज्यिक स्थापनाओं को अधिनियम के प्रावधानों के साथ-साथ पंजीयन से छूट प्रदाय की गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के घोषणा उपरांत श्रम विभाग के छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल एवं छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण एवं असंगठित महिला श्रमिकों को प्रसूति के दौरान बच्चे के जन्म के कारण अवकाश में रहने पर होने वाले वेतन, मजदूरी के क्षतिपूर्ति के रूप में प्रावधानित अनुदान राशि 10 हजार रूपए में वृद्धि की जाकर 20 हजार रूपए किया गया है। यह लाभ दो संतान के जन्म तक देय है। मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना प्रारंभ की जाकर पंजीकृत निर्माण श्रमिक के दो अविवाहित पुत्रियों को सशक्त तथा आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शिक्षा, रोजगार अथवा स्वरोजगार अथवा विवाह हेतु रूपए 20-20 हजार रूपए प्रदाय किया जा रहा है।