रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने रेलवे के उस फैसले पर आपत्ति जताई है जिसमें राज्य के विभिन्न रेल खंडों की आठ पैसेंजर ट्रेनों को एक महीने के लिए बंद करने कहा गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) सुब्रत साहू ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने इन गाड़ियों के बंद होने से हो रही दिक्कतों का हवाला देते हुए गाड़ियों का संचालन बहाल करने का आग्रह किया है।
अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने पत्र में लिखा है कि प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे बिलासपुर ने एक आदेश जारी कर कुल 10 लोकल ट्रेन का परिचालन एक माह के लिए बंद कर दिया है। इनमें से आठ ट्रेन छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न रेल मार्गों से प्रतिदिन आना-जाना करती हैं। इन ट्रेनों के परिचालन बंद करने के पूर्व किसी प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई है।
अपर मुख्य सचिव ने लिखा है, प्रदेश में मध्यम एवं निम्न वर्ग के अनेक यात्री हैं, जो प्रतिदिन उपरोक्त आठ लोकल गाड़ियों से यात्रा करते हुए अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचते हैं। लोकल ट्रेनों के बंद होने से प्रतिदिन व्यवसाय, रोजगार एवं शासकीय तथा अर्द्धशासकीय सेवा से जुड़े व्यक्तियों, स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों आदि के जाने-आने में काफी असुविधा हो रही है। ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिये जाने से निश्चित रूप से ग्रीष्मावकाश में की जाने वाली यात्राओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
नवरात्रि में गाड़ी बंद होने की दिक्कतें भी गिनाई
अपर मुख्य सचिव ने पत्र में लिखा है, अभी चैत्र नवरात्र का समय चल रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में अनेक देवालयों, मंदिरों में देवी मां के दर्शन करने के लिए लगातार देश-प्रदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना-जाना जारी है। देवी दर्शन के स्थानों तक पहुंचने के लिये रेल मार्ग सबसे सुगम एवं अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ राज्य में 08 ऐसी ट्रेनों का परिचालन बंद होने के कारण श्रद्धालु एवं आम नागरिक अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचने से वंचित हो रहे हैं।