वैक्सीनेशन पर बड़ा फैसला, 5 साल के बच्चों को Corbevax, 6-12 साल वालों को लगेगी Covaxin

नई दिल्ली- कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच अब भारत में 5 साल के बच्चे को भी कोविड-19 से बचाने वाली वैक्सीन लगाई जा सकेगी. भारत में 5 साल के बच्चे को बायोलॉजिकल ई-कंपनी की कोर्बीवैक्स वैक्सीन लगाई जा सकेगी. बता दें कि इससे पहले डीसीजीआई ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 6 से 12 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए मंजूरी दी थी.

भारत में बनी है कोर्बीवैक्स वैक्सीन

कोर्बीवैक्स वैक्सीन को 5 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को लगाने की अनुमति मिल गई है, जिसकी दो डोज लगाई जाएगी. कोर्बीवैक्स की दोनों डोज 28 दिन के अंतर पर लगेगी. कोर्बीवैक्स वैक्सीन भी भारत में बनाई गई है और ये एक प्रोटीन आधारित वैक्सीन है. इस वैक्सीन को बनाने में कोरोना वायरस के S प्रोटीन का इस्तेमाल किया गया है. जैसे ही वैक्सीन लगाई जाती है वैसे ही इम्यून रिस्पॉन्स हरकत में आता है और शरीर कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने लगता है. कोर्बीवैक्स को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की ही तरह सबसे कम साइड इफेक्ट वाली वैक्सीन माना गया है.

कोवैक्सीन को भी 6 से 12 साल के बच्चों के लिए मंजूरी

इसके अलावा डीसीजीआई ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को भी 6 से 12 साल के बच्चों को लगाने की अनुमति दे दी है, जिसकी दो डोज 28 से 40 दिन के अंतर पर लगाई जाएगी. भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन का ट्रायल 2 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए किया था, जिसे सितंबर 2021 में ही पूरा कर लिया गया था. हालांकि फिलहाल कोवैक्सीन को 6 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को लगाए जाने की मंजूरी ही मिली है. ये कंपनी इंट्रा नेजल वैक्सीन भी बना रही है, जिसके जल्द बाजार में आने की उम्मीद है. हालांकि फिलहाल नाक से ड्रॉप्स की तरह दी जाने वाली वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं.

फार्मा जेट इंजेक्टर से दी जाती है ये वैक्सीन

कोरोना वायरस से बचाने वाली बाकी वैक्सीन सिरिंज के जरिए लगती है, जबकि जायकोव-डी वैक्सीन को लगाने के लिए की मदद ली जाएगी. इसमें लगवाने वाले को काफी कम दर्द होगा. जायकोव-डी वैसे तीन डोज की वैक्सीन है. इसकी पहली डोज लगाने के 28 दिन बाद दूसरी और 56 दिन बाद तीसरी डोज लगाई जाती है, लेकिन बच्चों को फिलहाल इसकी दो डोज ही लगाई जाएगी.

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