नई दिल्ली- पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नेशनल हेराल्ड मामले में सोमवार को ईडी के सामने होने वाली पेशी को मुद्दा बनाकर बड़ी राजनीतिक लड़ाई में तब्दील करने की पूरी तैयारी है। पार्टी के पूरी तरह से राहुल के साथ होने का संदेश देने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, पार्टी सांसद और तमाम वरिष्ठ नेता उनके समर्थन में मार्च करते हुए ईडी दफ्तर तक जाएंगे। कांग्रेस शासित दोनों राज्यों राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इस शक्ति प्रदर्शन में शामिल होंगे।
ईडी ने राहुल को पहले दो जून को पेश होने का नोटिस जारी किया था, मगर विदेश में होने के कारण उन्होंने नई तारीख मांगी थी और तब 13 जून की नई तारीख दी गई। सोनिया गांधी को ईडी ने आठ जून को बुलाया था, मगर कोविड संक्रमण के चलते यह संभव नहीं हुआ। अब कांग्रेस अध्यक्ष को ईडी ने 23 जून को पेश होने का समन जारी किया है।
राहुल की पेशी से पहले कांग्रेस ने रविवार को चौतरफा हमला करते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार विपक्ष की सबसे मुखर आवाज को दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। पार्टी इससे डरेगी नहीं, बल्कि लड़ेगी।
ईडी की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पूछताछ के लिए समन जारी किए जाने के बाद से ही कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर आक्रामक है। पार्टी का कहना है कि विपक्ष के शीर्षस्थ नेताओं को जांच एजेंसियों के सहारे डराने-धमकाने के सरकार के इस हथकंडे के खिलाफ कानूनी ही नहीं, बल्कि मुखर जमीनी राजनीतिक लड़ाई लड़नी होगी। इसके मद्देनजर ही कांग्रेस ने सोमवार को राहुल की पेशी के समय बड़े सियासी प्रदर्शन की तैयारी की है।