नई दिल्ली- जब से एयर इंडिया का मालिकाना हक फिर से टाटा के पास आया है तभी इसके स्वरूप को बदलने को लेकर बड़ी कवायद चल रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार अगले कुछ साल के अंदर एयर इंडिया अपने बेड़े में 300 नए जहाज जोड़ने की तैयारी में है। अगर यह प्लान सफल हुआ तो हवाई सफर के ‘महाराजा’ के साथ यात्रा का मजा दोगुना हो जाएगा। इस पूरी डील पर नजर बनाए रखने वाले व्यक्ति के अनुसार इस पूरी खरीद के लिए टाटा समूह 40.5 अरब डाॅलर रुपये खर्च करेगी। अगर सबकुछ ठीक से हुआ तो यह एविएशन सेक्टर की सबसे बड़ी डील में से एक होगी।
कोविड-19 के पहले भारत दुनिया का सबसे तेजी के साथ आगे बढ़ रहा एविएशन मार्केट था। इस बाजार को ध्यान में रखते हुए एयर इंडिया की तरफ से इतना बड़ा दांव लगाया जा रहा है। इस पूरी डील पर नजर बनाए रखने वाले व्यक्ति के अनुसार, ‘अब समय नहीं बचा है। एयरलाइन को जल्दी से यह काम करना होगा।’ इस पूरे ऑर्डर के जरिए 70% छोटे विमान और 30% बड़े विमान मंगाए जाने हैं। इसमें से एयर बस और बोइंग दोनों शामिल है।
16 साल बाद विमान मंगाने जा रहा है एयर इंडिया!
कंपनी जो नए प्लेन ऑर्डर दे रही है उसमें भारतीय एविएशन मार्केट का भी ध्यान रख रही है। कंपनी A350 यूरोपियन प्लेन को भी अपने साथ जोड़ने की तैयारी में है। अगर यह डील सफल हुई तो 2006 के बाद एयर इंडिया पहली प्लान नए प्लेन मंगाएगा। बता दें, अगर सबकुछ सही रहा तो एयर इंडिया A350 को अपने साथ जोड़ने वाली पहली भारतीय एयरलाइन कंपनी होगी। दुनिया के एविएशन मार्केट में A350 ने धूम मचाई है।
एयर इंडिया की वेबसाइट पर दी जानकारी के अनुसार कंपनी के पास 49 वाइड बाॅडी एयरक्राफ्ट, 18 बोइंग B777, 4 बोइंग B747 और 27 बोइंग B787 के अलावा 79 नैरो बाॅडी प्लेन भी हैं।
बड़े प्लेन मंगाने के पीछे क्या कंपनी का प्लान?
एयर इंडिया A350 लाॅन्ग रेंज जेट्स मंगाने की तैयारी कर रही है। ये विमान नई दिल्ली से अमेरिक तक सीधे उड़ान भर सकेंगे। कभी अपनी आकर्षक सवारी के लिए जाने-जानी वाली एयर इंडिया के पास अब भी कई हवाई अड्डों पर आकर्षक लैंडिंग स्लाॅट है। लेकिन इसे भारत में नाॅनस्टाॅप सेवाओं के अलावा विदेशी एयरलाइनों से सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि, इस पूरे मसले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान एयर इंडिया या टाटा की तरफ से जारी नहीं हुआ है। लेकिन डील पर नजर रखने वाले लोगों के अनुसार इसकी चर्चा पिछले 6 महीने से चल रही है। बता दें, पिछले साल अक्टूबर में नीलामी के वक्त टाटा ने सबसे अधिक बोली लगाकर एयर इंडिया को फिर से अपने समूह का हिस्सा बनाया था।