रायपुर– कलिंगा विश्वविद्यालय मध्य भारत का एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है। नवाचार एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के द्वारा बी प्लस की मान्यता प्रदान की गयी है। यह छत्तीसगढ़ में एकमात्र निजी विश्वविद्यालय है, जो एनआईआरएफ रैंकिंग 2021 में उत्कृष्ट 151-200 विश्वविद्यालयों में सम्मिलित है। यहाँ पर वैश्विक मापदंड के अनुरूप उच्च गुणवत्तापूर्ण और बहु-विषयक अनुसंधान केंद्रित शिक्षा के साथ-साथ शिक्षकों और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए कलिंगा विश्वविद्यालय के आईईईई छात्र शाखा के सहयोग से इनक्यूबेशन सेन्टर के द्वारा इनोवेटिव प्रोजेक्ट की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
कलिंगा विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के द्वारा निर्मित इनोवेटिव प्रोजेक्ट की प्रदर्शनी का शुभारंभ कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर. श्रीधर और कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी की उपस्थिति में किया गया। उक्त प्रदर्शनी में विद्यार्थियों के द्वारा निर्मित विभिन्न इनोवेटिव मॉडल का प्रदर्शन किया गया। कलिंगा विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉ. विजयलक्ष्मी बिरादर के मार्गदर्शन में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, कम्पयूटर साईंस इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और सिविल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने अनेक आकर्षक और बहुपयोगी प्रोजेक्ट का निर्माण किया था। जिसमें स्मार्ट कलिंगा यूनिवर्सिटी कैंपस मॉडल, स्मार्ट गैबरेज मानिटरिंग सिस्टम, ब्लूटूथ कंट्रोल्ड रोबोट और स्मार्ट इरिगेशन सेंटर के मॉडल आदि सम्मिलित थें।
विश्वविद्यालय के कुलपति- डॉ. आर. श्रीधर ने विद्यार्थियों के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह विद्यार्थियों ने सर्वोत्किष्ट प्रदर्शन है। उन्होंने इन मॉडलों को विकसित करके इसे बाजार में उपलब्ध कराने पर बल दिया, जिससे इन जनोपयोगी मॉडल का फायदा आम आदमी उठा सके। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के द्वारा निर्मित मॉडलों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह विचार महत्वपूर्ण है। उन्हे चाहिए कि वह अपने अद्भुत विचारों का पेटेंट करा लें। विश्वविद्यालय के द्वारा विद्यार्थियों के द्वारा निर्मित ‘‘स्मार्ट कलिंगा विश्वविद्यालय परिसर मॉडल’’ के विकास में छात्रों द्वारा खर्च की गई राशि पर पूर्ण रुप से अनुदान दिया है, जिसे प्रदर्शन के लिए रखा जाएगा। जबकि शेष मॉडल को विश्वविद्यालय परिसर में विकसित और विस्तारित किया जाएगा। उक्त प्रदर्शनी के आयोजन में आईईई छात्र शाखा के विद्यार्थी और विश्वविद्यालय के समस्त प्राध्यापक सम्मिलित थे।