छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षा में उत्तर पुस्तिका की लापरवाही पूर्वक जांच का मामला प्रकाश में आया है। परीक्षाफल से असन्तुष्ट विद्यार्थियों ने जब पुनर्मूल्यांकन के लिए विभाग को आवेदन किया तो 10वीं-12 वीं कक्षा को मिलाकर 4000 से ज्यादा छात्रों के नंबर बढ़ें हैं।
बता दें कि ऐसे में अब लापरवाहीपूर्वक मूल्यांकन करने वाले टीचरों पर कार्रवाई की जा सकती है। शिक्षा मण्डल के सचिव ने बताया कि 12 वीं में करीब 3000 छात्रों और 10वीं में 1000 से ज्यादा छात्रों ने उत्तर पुस्तिका की पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था। आगे उन्होंने कहा कि, “मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई होती है। इसमें सालभर का समय लगता है।“
अगर किसी छात्र द्वारा उत्तर-पुस्तिका पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया जाता है तो नियम के अनुसार प्राप्तांक में 10% बढ़ोतरी होने पर ही नंबर बढ़ाया जाता है। इसके साथ-साथ संबंधित शिक्षक पर कार्रवाई का प्रावधान है। वहीं 20-40 नंबर बढ़ने पर शिक्षकों को 3 वर्ष के लिए मूल्यांकन कार्य से बाहर किया जा सकता है। अगर किसी छात्र के प्राप्तांक में 40 अंक या उससे ज्यादा बढ़ने पर मूल्यांकनकर्ता की एक वेतनवृद्धि रोकने के साथ तीन साल के लिए मूल्यांकन कार्य से बाहर किया जाता है।