रायपुर। जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम पिहरिद के बोरवेल में लगभग 65 फीट नीचे गिरे राहुल को सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन कर निकालने और उसके ईलाज के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए गए प्रयासों के प्रति आभार प्रकट करने के लिए राहुल के परिजन और जांजगीर-चांपा के सैकड़ो ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बड़ी घोषणा करते हुए राहुल के स्पीच थैरेपी और उसकी शिक्षा की सम्पूर्ण जिम्मेदारी उठाने की बात कही है, साथ ही राहुल के परिवार की आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 5 लाख रूपए की आर्थिक मदद करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने राहुल के परिजन को रोजगार देने के भी निर्देश दिए। गौरतलब है कि 105 घंटे के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राहुल को बोरवेल से बाहर निकाल लिया गया था। इसके बाद ग्रीन कारीडोर बनाकार राहुल को उपचार हेतु बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था।
मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए राहुल की मां गीता देवी ने कहा कि आपने अपना बेटा समझ कर राहुल की जान बचाई है। इसके लिए मैं और मेरा परिवार जीवन भर आपका आभारी रहेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राहुल के बारे में सूचना मिलते ही अधिकारियों को निर्देश दे दिए थे कि बचाव कार्य में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने राहुल की दादी को भरोसा दिलाया था कि उसका नाती सुरक्षित बाहर आएगा। बघेल ने कहा कि जब भी हम सामूहिक प्रयास करते है तो उसमें सफलता जरूर मिलती है और राहुल को बचाने के लिए तो हर एक ने धैर्यपूर्वक और दिन-रात मेहनत की। बघेल ने कहा कि 105 घंटे तक पत्थर, चट्टान को काटकर राहुल को बाहर निकालने का कार्य कठिन था लेकिन राहुल को बचाने में लोगों की दुआ और ईश्वर की कृपा भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बोरवेल से निकालने के बाद अस्पताल में इलाज कराना दूसरी चुनौती थी और इसके लिए उन्होंने एयर एम्बुलेंस के साथ ही देश के कुशल डॉक्टरों को भी तैयार रखा था। बघेल ने कहा कि राहुल जिंदगी की जंग पहले बोरवेल में लड़ा और फिर अस्पताल में।
इस मौके पर मुख्यमंत्री निवास कार्यालय परिसर में राहुल के परिजन ने मुख्यमंत्री का सम्मान किया। साथ ही जांजगीर-चांपा से आए ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने भी राहुल के मामले में मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता की प्रशंसा करते हुए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया।