पेशा कानून से आदिवासी समाज में आत्मनिर्भरता और स्वालंबन की भावना आएगी: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में सर्व आदिवासी समाज और बैगा समाज के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद में पेसा क़ानून के अनुमोदन पर उनके प्रति आभार जताया है। इस मौके प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का गुलदस्ता भेंटकर स्वागत किया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि पेशा कानून के नियम बन जाने से अब इसका क्रियान्वयन सरल हो जाएगा। इससे आदिवासी समाज के लोगों में आत्मनिर्भरता और स्वावलबन की भावना आएगी। उन्होंने कहा कि पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा। ग्राम सभा के 50 प्रतिशत सदस्य आदिवासी समुदाय के होंगे। इस 50 प्रतिशत में  एक चौथाई महिला सदस्य होंगे। ग्राम सभा का अध्यक्ष आदिवासी ही होगा। महिला और पुरुष अध्यक्षों को एक-एक साल के अंतराल में नेतृत्व का मौका मिलेगा। गांव के विकास में निर्णय लेने और आपसी विवादों के निपटारे का अधिकार भी होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के प्रतिनिधियों से कहा कि छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदाय के लोग जो किसी कारण से अन्य राज्यों में चले गए हैं। उन्हें वापस छत्तीसगढ़ में लाने में भी अपना योगदान दें। उन्हें भी राज्य सरकार की योजना के तहत पात्रता अनुसार लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मात्रात्मक त्रुटि या अन्य कारणों से जिन आदिवासी जाति के लोगों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है, उनके लिए राज्य स्तरीय टीम शोध और अनुसंधान के लिए दस्तावेज तैयार करेगी, जिसे केंद्र सरकार को प्रेषित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनोपज का वैल्यू एडिशन कर वनवासियों को उचित मूल्य दिलाने का कार्य किया जा रहा है। वनोपज को सुरक्षित रखने का प्रबंध भी किया जा रहा है। महुआ पेड़ के नीचे नेट लगाकर महुआ को संग्रहण का लाभ मिलने लगा है। इससे महुआ की कीमत अच्छी मिल रही है और विदेशों में निर्यात का रास्ता खुला है। तीखुर का प्रसंस्करण कर कुल्फी और कोल्ड ड्रिंक तैयार किया जा रहा है। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, विधायक श्री राम कुमार यादव, सर्व आदिवासी महासभा के प्रांतीय अध्यक्ष भारत सिंह सहित विभिन्न जिलों से आए सर्व आदिवासी समाज के राज्य व जिला स्तरीय प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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