नई दिल्ली– लोकसभा सचिवालय की एक और एडवाइजरी को लेकर राजनीति गरमा गई है। इसके मुताबिक, मानसून सत्र के दौरान सदन में पैंफलेट्स, लीफलेट्स या प्लेकार्ड्स के बांटने पर रोक लगा दी गई है। यह एडवाइजरी ऐसे समय जारी हुई है जब संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन और धरना देने पर पाबंदी लगाने को लेकर विपक्ष हमलावर है।
आदेश के अनुसार, किसी भी तरह का साहित्य, प्रश्नावली, पैम्फलेट, प्रेस नोट, लीफलेट या मुद्रित अन्य कोई सामग्री माननीय अध्यक्ष से इजाजत लिए बिना सदन के परिसर में वितरित नहीं होनी चाहिए। संसद भवन परिसर के अंदर तख्तियां पर भी सख्ती से पाबंदी लगाई जा रही है।
जयराम रमेश बोले- विषगुरू का ताजा प्रहार…
संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिए नहीं किए जाने के आदेश से विपक्ष पहले ही हमलावर है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, “विषगुरू का ताजा प्रहार… धरना मना है।” उन्होंने इसके साथ 14 जुलाई का बुलेटिन भी साझा किया।
यह लोकतंत्र की आवाज दबाने का प्रयास: येचुरी
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर सरकार की आलोचना की और कहा कि यह लोकतंत्र की आवाज दबाने का प्रयास है। उन्होंने ट्वीट किया, “जितनी निकम्मी सरकार, उतनी ही डरपोक। लोकतंत्र का मखौल उड़ाया जा रहा है, इस तरह के तानाशाही आदेश निकाल कर। संसद भवन परिसर में धरना देना सांसदों का एक राजनीतिक अधिकार है, जिसका हनन हो रहा है।”
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राजनीतिक दलों से बिना तथ्य के लोकतांत्रिक संस्थाओं को लेकर आरोप-प्रत्यारोप से बचने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अभी लोकसभा से कोई नया बुलेटिन जारी नहीं किया गया है और इस तरह का बुलेटिन जारी करने की प्रक्रिया लम्बे समय से जारी है। वहीं, राज्यसभा सचिवालय ने वर्ष 2013 में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के समय जारी ऐसे ही परिपत्र की प्रति साझा करते हुए कहा कि ऐसे परिपत्र कई वर्षों से जारी किए जा रहे हैं।