नई दिल्ली– राजस्थान के झुंझुनू जिले में एक सुदूर किठाना गांव में कृषि परिवार में जन्मे जगदीप धनखड़ को एनडीए ने उपराष्ट्रपति कैंडिडेट के तौर पर फाइनल कर दिया है। सार्वजनिक जीवन से पहले धनखड़ एक सफल और पेशेवर अधिवक्ता रहे। राजस्थान विवि से एलएलबी की पढ़ाई के बाद उन्होंने राजस्थान हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपनी सेवाएं दी। वह राजस्थान हाई कोर्ट में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे हैं। इससे पहले उनकी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल से हुई। चित्तौड़गढ़ से भौतिक विज्ञान में उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
71 वर्षीय धनखड़ पिछले तीन दशकों से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हैं। उपराष्ट्रपति के तौर पर उनका नाम दोपहर से उस वक्त चर्चा में आया था, जब उन्होंने पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
1989 में पहली बार पहुंचे संसद
जगदीप धनखड़ साल 1989 में जनता दल पार्टी के सांसद के तौर पहली बार राजस्थान के झुंझुनू जिले से संसद पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं दी। 1993 में वे अजमेर जिले के किशनगढ़ से राजस्थान विधानसभा पहुंचे। साल 2019 में उन्हें केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
पश्चिम बंगाल में बतौर राज्यपाल सेवाएं देते हुए उन्होंने पीपुल्स गवर्नर के तौर पर अपनी पहचान बनाई। सामाजिक मुद्दों पर बेबाकी से राय को लेकर उनकी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मतभेद भी कई बार सामने आए। एक बार तो ममता बनर्जी ने धनखड़ को ट्विटर पर ही ब्लॉक कर दिया। मामला इसी साल जनवरी माह का है। उस वक्त ममता ने कहा था कि वो उनके बार-बार ट्वीट से परेशान हो गई थीं।
राष्ट्रपति से हटाने का अनुरोध
टीएमसी ने इसी साल जनवरी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से धनखड़ को राज्यपाल पद से हटाने का अनुरोध भी किया था। पार्टी ने राज्यपाल पर कथित तौर से राजनीतिक हिंसा, भ्रष्टाचार, अल्पसंख्यक तुष्टीकरण और प्रशासन के राजनीतिकरण को लेकर ममता बनर्जी प्रशासन पर हमला करने का आरोप लगाया था। वहीं टीएमसी ने हाल ही में सभी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलपति के पद से राज्यपाल को हटाने के लिए विधानसभा में एक विधेयक पारित भी किया था।