भारतीय टीम अपने मजबूत खिलाड़ियों की मौजूदगी में शुक्रवार से शुरू होने वाली तीन मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज में दमदार प्रदर्शन कर लगातार दूसरी सीरीज में क्लीन स्वीप करने के इरादे से मैदान में उतरेगी। टी20 विश्व कप में तीन महीने से भी कम समय बचा है, जिससे कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ को अपनी ‘कोर’ टीम पक्की करने के लिये करीब 16 मैच (वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच, एशिया कप में अगर भारत फाइनल खेलता है तो पांच मैच, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैच, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैच) मिलेंगे।
रोहित, ऋषभ पंत, सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पंड्या और दिनेश कार्तिक जैसे पांच विशेषज्ञ बल्लेबाजों के शीर्ष छह में शामिल होने के बारे में महज विचार करना ही प्रतिद्वंद्वी टीम को दबाव में ला सकता है और वह भी ऐसे समय में जब विराट कोहली के कद जैसा खिलाड़ी छोटे प्रारूप में बुरी तरह से विफल हो रहा है और अंतिम एकादश में उनके स्थान को लेकर संशय के बादल छाये हुए हैं।
वेस्टइंडीज से पहले इंग्लैंड के खिलाफ हुई सीरीज ने दिखा दिया कि भले ही उनके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी कोहली का बल्ला नहीं चल रहा हो, लेकिन भारत के सफेद गेंद के खिलाड़ियों की क्रीज पर मौजूदगी दमदार रही। वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज से स्थिति स्पष्ट होगी कि कोहली का खराब दौर खत्म होता है या नहीं। ये मैच तकनीकी रूप से तीन विभिन्न देशों (त्रिनिदाद एवं टोबैगो, सेंट किंट्स एंड नेविस और अमेरिका) में खेले जायेंगे।