राष्ट्रीय रोजगार आंदोलन में शामिल होने छत्तीसगढ़ से भी बहुत से क्रांतिकारी पहुँचे छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी चरम पर, खनिज साधनों का हो रहा दुरूपयोग – तेजेन्द्र तोड़ेकर

राष्ट्रीय रोजगार नीति ( कानून ) बनाने की मांग जबतक अंजाम तक नही पहुचेगी जंग जारी रहेगा-अज़ीम खान

16 अगस्त से दिल्ली में राष्ट्रीय रोजगार नीति निर्माण के लिए चल रहे राष्ट्रीय रोजगार आंदोलन में छत्तीसगढ़ संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के तरफ से आंदोलन में हिस्सा लेने बहुत से क्रांतिकारी साथी पहुँचे जिसमे तेजेन्द्र तोड़ेकर ने छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुऐ कार्यक्रम में अपनी बात रखी, और कहा की प्रकृति ने छत्तीसगढ़ को प्राकृतिक संसाधन देने में कोई कमी नही की, छत्तीसगढ़ में लोहा, कोयला, हीरा, सोना व तरह तरह के खनिज संसाधन, नदियाँ व वन संपदा का भंडार है, छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है इसके बाद भी आज छत्तीसगढ़ में 20 लाख पंजीकृत बेरोजगारों को मिलाकर कुल 50 लाख बेरोजगार है, चाहे सरकारी क्षेत्र हो या निजी रोजगार की भारी कमी है ऐसे में एक सशक्त रोजगार कानून का होना जरूरी है, वर्तमान में रोजगार आंदोलन समिति ने जो ड्राफ्ट तैयार किया है उस कानून में सभी के लिए रोजगार का प्रावधान है, सिर्फ युवा ही नहीं आज किसान, मजदूर, महिला हर वर्ग बेरोजगारी की मार झेल रहा है ऐसे में कानून लागू होना बहोत जरूरी है ।

इस आंदोलन में देश भर के 200 से अधिक संगठनो ने हिस्सा लिया, पूर्व में राष्ट्रीय रोजगार आंदोलन समिति ने राष्ट्रीय सम्मेलन कर देश के प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया था पर इसके बावजूद कानून लागू नहीं हुआ, साथ ही छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी रोजगार संसद का आयोजन किया गया था, जिसमे अनेको संगठन ने हिस्सा लिया था व इस आंदोलन को अपना समर्थन देने की बात कही थी व सैकड़ो साथी इस आंदोलन में शामिल भी हुए है।

अज़ीम खान ने कहा कि जिस प्रकार देश आज आजादी के 75 वे वर्ष पर अमृत महोत्सव मना रहा है व सभी तरफ पूरे जोश के साथ तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है जिसे शासन प्रशासन का पूरा समर्थन प्राप्त है वही रोजगार आंदोलन के शुरुआत भी तिरंगा यात्रा के माध्यम से शुरू करने के प्रयास में आंदोलनकारी 16 अगस्त को तिरंगा यात्रा के माध्यम से जंतर मंतर आंदोलन स्थल पहुँच रहे थे पर पुलिस के द्वारा आंदोलनकारियों को रास्ते मे रोक लिया गया व तिरंगा यात्रा नही करने दिया गया जिसका मतलब है सरकार दमनकारी नीति अपनाते हुए आंदोलन के शुरुआती दौर में ही डराने का विफल प्रयास करती नजर आई परंतु इसके बावजूद आंदोलन आज नंद नगरी दिल्ली में जारी है है व क्रमिक हड़ताल पर है जिसका आज दूसरा दिन है ।

राज शर्मा ने आंदोलन की जानकारी देते हुए बताया कि आंदोलन के पहले दिन तिरंगा यात्रा के पश्चात क्रमिक आंदोलन पर बैठ गई है जिसमे पहले दिन लगभग 37 क्रांतिकारी साथियो ने क्रमिक आंदोलन में हिस्सा लिया जिसमे देश के विभिन्न प्रदेश से आये साथी शामिल रहे व छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि के रूप में देश की बात फाउंडेशन के सुनील किरण शामिल रहे व अनसन के दूसरे दिन लगभग 40 साथी अनसन पर है जिसमे छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि के रूप में तेजेन्द्र तोडकर ,अज़ीम खान , राज शर्मा अनसन पर बैठे है।

आंदोलन में शामिल होने छत्तीसगढ़ से विशेष रूप से तेजेन्द्र तोड़ेकर, अज़ीम खान, राज शर्मा, हरेश चक्रधारी, लक्मन सेन, विकास दास मानिकपुरी, सुनील किरण,पुरुषोत्तम, बलवंत,महिला साथियो में कलावती मार्को, दीप्ति धुरंधर व लगभग 120 साथी इस आंदोलन में शामिल होने एकसाथ दिल्ली में शामिल हुए व लगातार इस आंदोलन में शामिल होने लोगो का सिलसिला जारी है।

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