छत्तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र के मैत्री बाग में आज 30 अगस्त को सफेद बाघ का निधन हो गया। कैंसर से पीड़ित होने के चलते किशन काफी समय से बीमार चल रहा था। काफी इलाज के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। जू प्रबंधन ने शेर का अंतिम संस्कार किया। पिछले तीन चार दिनों से वह सही तरीके से खा-पी भी नहीं रहा था।
मैत्री बाग में जन्में इस नर बाघ किशन की उम्र नौ वर्ष थी। इसका जन्म 2013 में हुआ था। इसके पिता का नाम सुन्दर और मां का नाम कमला था। मौत के बाद वन विभाग के अधिकारी और एसडीओ दुर्ग के अलावा मैत्री बाग के तमाम अधिकारी कर्मचारी और सरकारी चिकित्सकों की मौजूदगी में बाघ का पोस्टमार्टम कर उसका अंतिम संस्कार किया गया। शेर किशन को कैंसर हो गया था और इसका इलाज मैत्री बाग के चिकित्सक और अंजोरा पशु चिकित्सालय के वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ चिकित्सक के मार्गदर्शन में चल रहा था। अथक प्रयासों के बावजूद इसे नहीं बचाया जा सका।