लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) नेता चिराग पासवान बुधवार को हिंदी दिवस समारोह में शामिल होने के लिए सूरत में थे। इस कार्यक्रम को केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ अमित शाह ने संबोधित किया था। चिराग भी ‘राजभाषा’ पर संसदीय समिति के सदस्य हैं और वे समिति के सदस्य के रूप में वहां थे। लेकिन सूत्रों का कहना है कि सूरत में चिराग के मीटिंग में शिरकत करने के और भी कई कारण थे। भाजपा नेताओं ने उन्हें बैठक में शामिल होने के लिए मना लिया और वे सूरत चले गए।
बीजेपी के कई नेता लगातार इस बात को दोहराते रहे हैं कि चिराग पासवान अभी भी एनडीए का हिस्सा हैं। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने चिराग को फोन कर द्रौपदी मुर्मू के लिए उनका समर्थन मांगा था। चिराग ने भी उन्हें अपना समर्थन दिया था। इतना ही नहीं, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हुई एनडीए की बैठक में भी चिराग शामिल हुए थे। हालांकि, चिराग ने कहा था कि वह बैठक में इसलिए शामिल हुए क्योंकि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू का समर्थन किया था और वह एनडीए का हिस्सा नहीं हैं।