डेस्क- मनोरंजन जगत से लेकर राजनीतिक गलियारों तक राजू श्रीवास्तव के जाने से सन्नाटा पसर गया है। राजू श्रीवास्तव का 58 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। कॉमेडियन ने नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अंतिम सांस ली। राजू को 10 अगस्त को दिल का दौरा पड़ने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था। आज राजू श्रीवास्तव हमारे बीच नहीं हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके चेहरों पर स्माइल लाने के लिए काफी संघर्ष किया है। उन्होंने फेमस कॉमेडियन का मुकाम पाने से पहले ऑटो चलाकर भी गुजाारा किया है।
जिस दौर में अपने सपनों को साकार करने के लिए राजू मुंबई पहुंचे, उस दौर में जॉनी लीवर कॉमेडी के सरताज थे। जॉनी लीवर की लोकप्रियता के कारण किसी नए व्यक्ति को रोल मिलना काफी मुश्किल था। शुरुआत में काम नहीं मिला और आर्थिक तंगी रही। खर्च चलाने के लिए राजू ने ऑटो चलाया। राजू ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो ऑटो में सफर कर रहे लोगों को जोक सुनाते थे। बदले में उन्हें किराये के साथ टिप भी मिल जाती थी। ऐसे ही एक दिन उनके एक ऑटो में बैठे कस्टमर ने उन्हें स्टैंडअप कॉमेडी के बारे में जानकारी दी। जिसके बाद उन्होंने स्टेज पर कॉमिक परफॉर्मेंस देना शुरू किया, हालांकि पहला शो मिलने में भी उन्हें लंबा समय लग गया। राजू ने एक इंटरव्यू में बताया था, “उस समय फीस के तौर पर 50 रुपये मिलते थे. स्ट्रगल के दिनों में मैं बर्थडे पार्टीज में जाकर 50 रुपये के लिए भी कॉमेडी किया करता था।”
भले ही राजू का करियर ‘लाफ्टर चैलेंज’ के भी लगभग 15 साल पहले शुरू हो चुका था। लेकिन इस शो ने राजू की किस्मत बदली और उनको वह सब मिला, जिसका कोई कलाकार सपना देखता है। ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ से अपनी पहचान बनाने के बाद राजू ‘बिग बॉस’, ‘लाफ इंडिया लाफ’, ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’, ‘गैंग्स ऑफ हंसीपुर’ जैसे कॉमेडी शोज में दिखते रहे।
फिल्मी करियर की बात करें तो राजू श्रीवास्तव साल 1988 में फिल्म ‘तेज़ाब’ में एक्स्ट्रा के तौर काम किया। फिर साल 1989 में वह सलमान की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ में एक ट्रक क्लीनर के किरदार में दिखे। फिर साल 1993 में उन्हें फिल्म ‘बाज़ीगर’ में देखा गया। जिसमें वे शिल्पा शेट्टी के कॉलेज के ही एक छात्र के रूप में नजर आए। इसके बाद ये सिलसिला लगातार चलता रहा।