वित्तमंत्री सीतारमण ने आज बड़ा ऐलान किया है. आज की बैठक के बाद सीतारमण ने कहा है कि देशभर में बैंकों में जितने भी खाली पद हैं उनको भरा जाए।
इसके साथ ही पब्लिक सेक्टर बैकों के प्रमुखों के साथ की गई मीटिंग में उन्होंने इस बात की भी समीक्षा की कि अनुसूचित जाति के लोगों को बैंक किस तरह लोन बांटता है और उन्हें सरकारी योजनाओं का उचित लाभ मिल रहा है या नहीं…
सरकारी योजनाओं का बढ़ाया जाएगा दायरा
सीतरमण ने कहा कि एससी कैटेगिरी की जितनी भी वैकेंसी खाती है उनको समय रहते सही क्रम से भर लिया जाए. साथ ही सरकारी योजनओं का दायरा बढ़ाने का भी आदेश दिया है. बता दें कि वर्तमान में बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कुल कार्यबल में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी करीब 18 फीसदी है.
2 अक्टूबर से शुरू होगा खास अभियान
इस बैठक में बैंकों से ‘आउटसोर्स’ की जा रही खासकर सफाई कर्मचारी जैसी नौकरियों के लिए एक अक्टूबर से उचित डिजिटल रिकॉर्ड बनाने का आग्रह किया. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उन्होंने अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित सभी लंबित शिकायतों का निपटान भी करने का निर्देश दिया. वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के दो अक्टूबर से विशेष अभियान के तहत उन मुद्दों का भी समाधान किया जा सकता है.
18 फीसदी है करीब हिस्सेदारी
इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों की समीक्षा बैठक में बैंक प्रमुखों से क्षमता निर्माण और एंटरप्रेन्योरशिप डेपलपमेंट पर भी गौर करने को कहा. बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कुल कार्यबल में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी करीब 18 फीसदी है.
सीतारमण ने बैंकों को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) को साल में दो बार अनुसूचित जाति से संबंधित कर्ज और नियुक्तियों को बारे में जानकारी दे. वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनसीएससी के अध्यक्ष और सदस्यों, वित्त राज्यमंत्री, वित्तीय सेवा सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.