गुजरात विधानसभा चुनावों में इसबार अल्पसंख्यक वोट बिखरा-बिखरा नजर आ रहा है। यह कांग्रेस के लिए धड़कनें बढ़ा सकती हैं। गुजरात में मुसलमानों की 9 प्रतिशत आबादी है। इसके बावजूद बीजेपी ने एक भी टिकट मुस्लिम को नहीं दिया है। वहीं, कांग्रेस ने 6 और आप ने 2 मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। वहीं, औवैसी की पार्टी के लगभग सभी उम्मीदवार मुस्लिम ही हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी की धड़कने बढ़ गई हैं। अल्पसंख्यकों के वोट को लेकर आश्वस्त रखने वाली देश की सबसे पुरानी पार्टी को केजरीवाली और ओवैसी जैसे दो-दो ने प्लेयर के मैदान में उतरने से वोटों के बिखराव का डर सता रहा है।
यूं तो गुजरात में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी सिर्फ 14 उम्मीदवार ही मैदान में उतार रही है, लेकिन अल्पसंख्यकों से जुड़े मामलों को लेकर वह मुखर होकर बोल रहे हैं। वह बीजेपी को खुलेआम मुसलमान विरोधी बताकर अल्पसंख्यकों को साधने की कवायद कर रहे हैं। हाल ही में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2002 के दंगे का जिक्र किया तो, ओवैसी ने ही उनपर खुलकर पलटवार किया।