नई दिल्ली- परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 के सफल परीक्षणों के कुछ दिनों बाद भारत ने अब 7,000 किलोमीटर की सीमा से अधिक के लक्ष्य को भेदने की क्षमता विकसित कर ली है। बैलिस्टिक मिसाइलों के मामले में भारत एक ऊंची छलांग लगाने के लिए तैयार है। मिसाइल की रेंज को बढ़ाने का फैसला सरकार को लेना है।
सूत्रों ने कहा कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) अब अग्नि-5 मिसाइल का वजन कम करने में सक्षम है। स्टील सामग्री को मिश्रित सामग्री से बदलकर अग्नि-5 का वजन घटाया जा सकता है। इस प्रक्रिया के जरिये मिसाइल का वजन 20 प्रतिशत से अधिक घटाया जा सकता है। अगर सरकार चाहे तो इस परमाणु सक्षम मिसाइल की मारक क्षमता को बढ़ाकर 7,000 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक किया जा सकता है।
विज्ञानियों ने अग्नि-3 का उदाहरण दिया। इसका वजन लगभग 40 टन है और यह 3,000 किलोमीटर के लक्ष्य पर हमला कर सकती है। वहीं अग्नि-4 का वजन 20 टन से थोड़ा अधिक है और यह बहुत लंबी दूरी तय कर सकती है। मिसाइल की विस्तारित रेंज संघर्ष के समय रणनीतिकारों को कई तरह के विकल्प उपलब्ध करवा सकती है।
परमाणु हथियारों के मामले में भारत ‘नो फर्स्ट यूज’ की नीति पर चलता है। भारत का कहना है कि उसका परमाणु हथियार कार्यक्रम मुख्य रूप से चीन और पाकिस्तान सहित अपने विरोधियों के खिलाफ प्रतिरोध के लिए है। भारत अपने जवाबी हमले की क्षमता बढ़ा रहा है। यह पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइल दागने की क्षमता भी विकसित कर रहा है।