मण्डला। जमदागिनी ऋषि की तपोभूमि देवगांव जहां पर कि माँ नर्मदा और उनकी नानी बुढ़नेर का संगम होता है ऐसे सिद्ध और आलौकिक स्थान पर नर्मदा परिक्रमावासियों की सेवा करने का कुछ श्रद्धालुओं ने संकल्प लिया। ज्ञात हो कि इसी स्थान से परिक्रमावासी दक्षिण तट पर आगे की ओर प्रस्थान करते हैं बड़ी संख्या में आने वाले नर्मदा परिक्रमावासियों के रूकने एवं भोजन की कोई विशेष व्यवस्था यहां नहीं हाे पाती थी इसी चिंता को लेकर 08 वर्ष पूर्व नर्मदा भ्ाक्तों ने माँ नर्मदा की प्रेरणा से एक प्रकल्प की शुरूआत की जिसे माँ रेवा सेवा प्रसादी प्रकल्प नाम दिया और एक छोटे स्वरूप में इसे प्रारंभ किया।
प्रारंभ के दिनों में यहां आने वाले परिक्रमावासियों को बालभोग एवं भोजन की व्यवस्था कराई जाने लगी। कुछ समय बाद उनके ठहरने और विश्राम की व्यवस्था की गई। धीरे-धीरे और भी नर्मदा भक्त इस प्रकल्प से जुड़ते गये और आज 08 वर्ष बाद माँ नर्मदा के आर्शीवाद से यह संकल्प एक वृहद रूप में नजर आने लगा है।
देवउठनी एकादशी के बाद से ही रोजाना 100 के लगभग परिक्रमावासी इस देवगांव संगम में आते हैं और प्रकल्प द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का लाभ लेते हैं और समिति के कार्यकर्ताओं को अपना आर्शीवाद देकर जाते हैं। समिति के वे सभी कार्यकर्ता नि:स्वार्थ भाव से लगातार 08 वर्षो से सेवारत हैं। दिन हो या रात जब भी आवश्यकता होती है ये सहयोग करने में हमेंशा तत्पर रहते हैं। माँ नर्मदा की प्रेरणा और उनके आर्शीवाद से ही यह प्रकल्प उत्तरोत्तर अपने संकल्प पर कार्य कर रहा है।
महान संत बच्चू महाराज हुये शामिल
रविवार को हुये वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में मालपुर आश्रम के महान संत श्री-श्री बच्चू दास जी महाराज की उपस्थिति भक्तों के लिये प्रेरणादायी रही उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित होकर माँ रेवा की पूजा-अर्चना की। माँ रेवा को छप्पन भोग अर्पण किये और अपने भक्तों को आर्शीवाद दिया।
संगम स्थल पर माँ रेवा की पूजा-आरती की गई उन्हें भोग अर्पण कर जयकारे लगाये गये उसके बाद प्रसादी प्रकल्प भवन में प्रारंभ में कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया गया उसके बाद उपस्िथत साधु-संतों को भोजन अर्पण किया गया और फिर परिक्रमावासियों को भोजन परोसा गया। तत्पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित सभी भक्तों ने महाप्रसादी ग्रहण की। इस अवसर पर समिति सदस्यों के साथ-साथ मण्डला से सैकड़ों की संख्या में भक्तगण परिवार सहित कार्यक्रम में सम्मिलित हुये इसके अलावा देवगांव, पौंड़ी क्षेत्र के आसपास के दर्जनाें ग्राम के लोगों ने भी उपस्थित होकर माँ रेवा की पूजा-अर्चना की और वार्षिकोत्सव में सम्िमलित होकर धर्मलाभ उठाया। इस पूरे कार्यक्रम में बेलघाट आश्रम के संत भारती दास जी महाराज की उपस्थिति एवं उनका सहयोग उल्लेखनीय रहा।
देवउठनी एकादशी के बाद से ही रोजाना 100 के लगभग परिक्रमावासी इस देवगांव संगम में आते हैं और प्रकल्प द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का लाभ लेते हैं और समिति के कार्यकर्ताओं को अपना आर्शीवाद देकर जाते हैं। समिति के वे सभी कार्यकर्ता नि:स्वार्थ भाव से लगातार 08 वर्षो से सेवारत हैं। दिन हो या रात जब भी आवश्यकता होती है ये सहयोग करने में हमेंशा तत्पर रहते हैं। माँ नर्मदा की प्रेरणा और उनके आर्शीवाद से ही यह प्रकल्प उत्तरोत्तर अपने संकल्प पर कार्य कर रहा है।
महान संत बच्चू महाराज हुये शामिल
रविवार को हुये वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में मालपुर आश्रम के महान संत श्री-श्री बच्चू दास जी महाराज की उपस्थिति भक्तों के लिये प्रेरणादायी रही उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित होकर माँ रेवा की पूजा-अर्चना की। माँ रेवा को छप्पन भोग अर्पण किये और अपने भक्तों को आर्शीवाद दिया।
संगम स्थल पर माँ रेवा की पूजा-आरती की गई उन्हें भोग अर्पण कर जयकारे लगाये गये उसके बाद प्रसादी प्रकल्प भवन में प्रारंभ में कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया गया उसके बाद उपस्िथत साधु-संतों को भोजन अर्पण किया गया और फिर परिक्रमावासियों को भोजन परोसा गया। तत्पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित सभी भक्तों ने महाप्रसादी ग्रहण की। इस अवसर पर समिति सदस्यों के साथ-साथ मण्डला से सैकड़ों की संख्या में भक्तगण परिवार सहित कार्यक्रम में सम्मिलित हुये इसके अलावा देवगांव, पौंड़ी क्षेत्र के आसपास के दर्जनाें ग्राम के लोगों ने भी उपस्थित होकर माँ रेवा की पूजा-अर्चना की और वार्षिकोत्सव में सम्िमलित होकर धर्मलाभ उठाया। इस पूरे कार्यक्रम में बेलघाट आश्रम के संत भारती दास जी महाराज की उपस्थिति एवं उनका सहयोग उल्लेखनीय रहा।