रायपुर, 30 दिसम्बर 2022
नववर्ष के कैलेण्डर में देखने को मिलेगी छत्तीसगढ़िया संस्कृति की इंद्रधनुषीय छटा
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में कैबिनेट बैठक के पश्चात छत्तीसगढ़ शासन के नववर्ष के कैलेण्डर का विमोचन किया। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रकाशित नववर्ष के कैलेण्डर में छत्तीसगढिया संस्कृति की इंद्रधनुषीय छटा बिखेरती तस्वीरें इसे बेहद मनमोहक और नयनाभिराम स्वरूप प्रदान कर रही है। नववर्ष कैलेण्डर के माध्यम से राज्य की कला, संस्कृति, खान-पान, तीज त्यौहार, खेलकूद, धार्मिक महत्व के स्थलों के संरक्षण, संवर्धन और विकास की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गढ़े गए नये प्रतिमान को प्रदर्शित किया गया है। कैलेण्डर के विमोचन अवसर पर मंत्रिपरिषद के सदस्यगण, मुख्य सचिव सहित सभी विभागों के सचिवगण उपस्थित थे। छत्तीसगढ़िया जगार के थीम पर प्रकाशित कैलेण्डर के प्रत्येक पृष्ठ में छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान और सम्मान को स्थापित करतीं प्रतीत होती है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ शासन के वर्ष 2023 के कैलेण्डर का विमोचन करते हुए सभी को नववर्ष की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं एक आम छत्तीसगढ़िया हूं। मैंन वो सब कुछ किया है, जो एक आम छत्तीसगढ़िया ग्रामीण अपने दैनिक जीवन में करता है। मेरी जीवन शैली किसी आम इंसान की तरह ही रही है और अब भी वही आम इंसान मेरे भीतर है। मेरे आचार-विचार और व्यवहार में छत्तीसगढ़ियापन हमेशा से रहा है और रहेगा।
उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति बहुत प्राचीन और समृद्ध है। संस्कृति से ही हम लोगोें की पहचान बनती है। संस्कृति एक दिन में नहीं बनती है, वो सैकड़ों वर्षों से परिष्कृत होकर इस रूप में पहुंचती है, वही हमारी पहचान है, उस पर हमें गर्व करना चाहिए। छत्तीसगढ़ शासन का नववर्ष का कैलेण्डर वास्तव में हमारी सांस्कृतिक विरासत का दस्तावेज है। इस कैलेण्डर के कव्हर पेज पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की एक ठेठ छत्तीसगढ़िया किसान के रूप में नागर चलाते खूबसूरत तस्वीर प्रकाशित की गई है। कैलेण्डर में छेरछेरा-पुन्नी तिहार के अवसर पर अन्नदान की महिमा को प्रतिपादित करने वाली तस्वीर, माघी पुन्नी मेला राजिम का विहंगम दृश्य, शिवरीनारायण मंदिर का नवीन भव्य और मनमोहक स्वरूप, छत्तीसगढ़िया खेलकूद एवं खान-पान बोरे बासी, आदिवासियों की आस्था का केन्द्र देवगुड़ी, हरेली तिहार, राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, तीजा तिहार, बस्तर दशहरा, चंदखुरी धाम एवं करमा नृत्य की मनमोहक तस्वीरें कैलेण्डर में प्रकाशित की गई है, जो कि छत्तीसगढ़िया जगार की प्रतीक है।