भारत को श्रीलंका के खिलाफ हुए दूसरे टी20 मैच में 16 रन से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम ने जीत का जज्बा दिखाया, लेकिन शुरुआत में पारी लड़खड़ाने के बाद टीम जब तक संभल पाती तब तक काफी देर हो चुकी थी।
श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 20 ओवर में 207 रनों का टारगेट दिया। इसके जवाब में भारतीय टीम 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 190 रन ही बना सकी। इस मैच में भारतीय गेंदबाजों द्वारा फेंके गए नो-बॉल ने भी सबका ध्यान खींचा। पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर इतना भड़के हुए थे कि उन्होंने कह दिया कि जो खिलाड़ी लंबे समय के बाद वापसी कर रहे हैं उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट की बजाए पहले घरेलू क्रिकेट में कुछ मैच खेलने चाहिए।
हार्दिक पांड्या के नेतृत्व वाली टीम ने श्रीलंका के खिलाफ दूसरे मैच में कुल 7 नो-बॉल फेंकी थी। जिसके कारण श्रीलंका को 7 फ्री हिट गेंद खेलने के लिए मिली। अर्शदीप सिंह ने पारी के दूसरे ओवर में हैट्रिक नो-बॉल फेंकी और इस ओवर में 19 रन लुटा दिए। अर्शदीप सिंह ने 19वें ओवर में दो नो-बॉल फेंकी और एक ओवर में 8 गेंद डालते हुए 18 रन दिए। शिवम मावी और उमरान मलिक ने 1-1 नो-बॉल दी थी।
क्रिकेट एक्सपर्ट के मुताबिक भारत की हार की वजह नो-बॉल बनी। गौतम गंभीर ने कहा, ”कल्पना कीजिए 7 गेंद, इसका मतलब आप 21 ओवर की गेंदबाजी कर रहे हैं। हर कोई खराब गेंद डालता है या खराब शॉट खेलता है लेकिन यह लय की बात है। अगर इंजरी से वापसी कर रहे हो तो तुम्हें इंटरनेशनल गेम नहीं खेलना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, ”आपके घरेलू क्रिकेट में जाना चाहिए और लय में वापस आने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि नो-बॉल स्वीकार नहीं है। कोई भी अगर इंजर्ड है और लंबा गैप हो गया है, तो उसे घरेलू क्रिकेट में शामिल होना चाहिए। 15-10 ओवर डालो और फिर वापस आकर इंटरनेशनल गेम खेलो। और इस गेम में देखा गया कि कैसे अर्शदीप सिंह अपनी लय के साथ संघर्ष कर रहे थे।