केंद्र सरकार से जांच का आश्वासन मिलने के बाद पहलवानों ने खत्म किया अपना धरना

नई दिल्ली- केंद्र सरकार से जांच का आश्वासन मिलने के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया है। शुक्रवार देर रात तक केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ पहलवानों की बैठक हुई। इस दौरान फैसला हुआ कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह निगरानी समिति की ओर से मामले की जांच किए जाने तक पद की जिम्मेदारियों से हट जाएंगे। मालूम हो कि पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ और उसके अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने देर रात पहलवानों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों के साथ लगातार चर्चा चली। सभी खिलाड़ियों ने भारतीय कुश्ती संघ पर गंभीर आरोप लगाए और क्या सुधार ये चाहते हैं, ये बात भी सामने आई। एक ओवरसाइट कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसके सदस्यों के नामों की घोषणा कल की जाएगी। अगले 4 हफ्तों में ये अपनी जांच को पूरा करेंगे।’

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जांच पूरी होने तक एक कमेटी दैनिक कार्यकलाप को देखेगी। तब तक भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह अपने आप को दैनिक कार्यकलाप से अलग रखेंगे और जांच में सहयोग करेंगे। वहीं, पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा, ‘सभी खिलाड़ियों को केंद्रीय मंत्री (अनुराग ठाकुर) ने आश्वासन दिया है। सभी को समझाया भी है। हम खिलाड़ी अपने आंदोलन को बंद कर रहे हैं, क्योंकि हमें सरकार ने आश्वासन दिया है। हमें विश्वास है कि हमें न्याय मिलेगा।’

मालूम हो कि डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को 7 सदस्यीय समिति गठित की, जिसमें एमसी मैरीकॉम और योगेश्वर दत्त जैसे खिलाड़ी भी शामिल हैं। दिग्गज मुक्केबाज मैरीकॉम और पहलवान योगेश्वर के अलावा इस पैनल में तीरंदाज डोला बनर्जी और भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव भी शामिल हैं। यह फैसला आईओए की कार्यकारी परिषद की आपात बैठक में लिया गया। इस बैठक में आईओए अध्यक्ष पीटी उषा और संयुक्त सचिव कल्याण चौबे के अलावा अभिनव बिंद्रा और योगेश्वर जैसे खिलाड़ियों ने भी भाग लिया। शिवा केशवन विशेष आमंत्रित के रूप में बैठक में शामिल हुए।

इससे पहले विरोध कर रहे पहलवानों ने आईओए से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए जांच समिति के गठन की मांग की थी। इससे एक दिन पहले पहलवानों ने इस खेल प्रशासक के खिलाफ कई FIR दर्ज कराने की धमकी दी थी। आईओए अध्यक्ष उषा को लिखे पत्र में पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई की ओर से (कोष में) वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। इसके अलावा यह भी दावा किया गया कि राष्ट्रीय शिविर में कोच और खेल विज्ञान स्टाफ ‘बिल्कुल अक्षम’ हैं।

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