मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अमर शहीद हेमू कालाणी के बलिदान दिवस पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास कार्यालय स्थित सभागार में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।
अविभाजित भारत के सिंध प्रांत के सख्खर में 23 मार्च 1923 को जन्में, अमर शहीद हेमू कालाणी क्रान्तिकारी एवं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी थे। उन्होंने अपने साथियों के साथ विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया और लोगों से स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने का आग्रह किया। वर्ष 1942 में वे भारत छोड़ो आन्दोलन में कूद पड़े। उन्हें यह गुप्त जानकारी मिली कि अंग्रेजी सेना की हथियारों से भरी रेलगाड़ी, रोहड़ी शहर से होकर गुजरेगी। हेमू कालाणी ने अपने साथियों के साथ रेल पटरी को अस्त-व्यस्त करने की योजना बनाई। वे यह कार्य अत्यंत गुप्त तरीके से कर रहे थे, पर वहाँ तैनात पुलिस कर्मियों की नजर उन पर पड़ी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
हेमू कालाणी को कोर्ट ने फाँसी की सजा सुनाई और 21 जनवरी 1943 को उन्हें फाँसी दी गई। इन्कलाब जिंदाबाद और भारत माता के जय घोष के साथ उन्होंने फाँसी को स्वीकार किया।