बिलासपुर। प्रमोशन का इंतजार कर रहे रेगुलर शिक्षकों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल रेगुलर शिक्षकों ने शासन द्वारा शिक्षक एलबी संवर्ग को पदोन्नति के लिए तय वर्षों में दी गई रियायत के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने आज उस याचिका को खारिज कर दिया है।
सरकार ने शिक्षक एवं भर्ती पदोन्नति नियम 2019 में शिक्षक एलबी संवर्ग को पदोन्नति के लिए 5 वर्ष का स्कूल शिक्षा विभाग में अनुभव का प्रावधान रखा। कुछ दिनों बाद शासन ने कैबिनेट बैठक कर इसमें संशोधन करते हुए अनुभव लिमिट को 3 वर्ष कर दिया। इसके बाद प्रदेशभर में पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इसके खिलाफ कुछ नियमित शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
मामले में हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए एक याचिका को छोड़कर समस्त याचिकाओं को खारिज कर दिया है और जिस याचिका में हाईकोर्ट ने अपना डायरेक्शन दिया है उसमें प्रधान पाठक से लेक्चरर बने शिक्षकों के प्राचार्य पद पर प्रमोशन के लिए उनके प्रधान पाठक पद के अनुभव को गणना करने का निर्देश दिया गया है। इस डिसीजन के बाद यह साफ है कि सरकार शिक्षक भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2019 के तहत सारे पदोन्नति की प्रक्रिया को संपन्न कर सकेगी।