नई दिल्ली– देश में एक बार फिर कोरोना का डर सताने लगा है। रोजाना कोरोना के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसे में यूनिसेफ ने माना है कि कोविड-19 की वैक्सीन के महत्व को समझने वाले 55 देशों में से प्रमुख तीन देशों में भारत शामिल है। हर दिन 68,500 शिशुओं के जन्म लेने वाले देश में फिलहाल 27 लाख बच्चों को वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लग सकी है। यूनिसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ विवेक वीरेंद्र सिंह ने बताया कि भारत में जीरो-डोज वाले पचास प्रतिशत बच्चे 11 राज्यों के 143 जिलों के हैं। बिना वैक्सीन वाली आबादी भविष्य में कम प्रतिरोधक क्षमता के कारण संक्रमण के कारण खतरे में पड़ सकती है। जिन बच्चों को एक भी टीका नहीं लगा है कि उसका कारण संभवत: सही सूचना की कमी या अन्य संकोच हो सकते हैं।
इसके पीछे टीकाकरण के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स भी हैं। इसलिए इस तरह की शंकाओं के जवाब केवल फ्रंटलाइन वर्कर दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी के दौरान 30 लाख बच्चों को वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी थी। लेकिन मोदी सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए वर्ष 2020-2021 के दौरान इसमें कमी लाकर जीरो डोज वाले बच्चों को 27 लाख तक सीमित कर दिया है।