रायपुर 04 मई 2023 : अखिल विश्व गायत्री परिवार के आह्वान पर 5 मई को बुद्ध पूर्णिमा के दिन अंतराष्ट्रीय स्तर पर गायत्री परिजन एक साथ एक समय में अपने अपने घरों में गायत्री यज्ञ संपन्न कर ’सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः’ की कामना के साथ यज्ञ करेंगे। छत्तीसगढ़ के लाखों घरों में भी यह यज्ञ संपन्न होगा।
गायत्री परिवार छत्तीसगढ़ के जोन समन्वयक श्रीमती आदर्श वर्मा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं अनेकानेक वैज्ञानिक भी यज्ञ की महिमा को जानकर प्रेरित और संकल्पित हो रहे है। वर्ष 2017 से माताजी के जन्मशताब्दी वर्ष 2026 तक का समय अखिल विश्व गायत्री परिवार गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ उपासना वर्ष के रुप में मना रहा है। इसी कड़ी में सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय का संकल्प के साथ कोरोना से मुक्ति, पर्यावरण संवर्धन एवं संरक्षण, वातावरण का परिशोधन, समर्थ राष्ट्र निर्माण, वैचारिक उत्कृष्टता, समाज में छाई हुई विकृतियों को नष्ट तथा सत्प्रवृतत्तियों के संवर्धन के लिये आध्यात्मिक प्रयोग सामूहिक स्तर पर पूरे विश्व में किया जा रहा है। इस वर्ष यह आयोजन 5 से 7 मई तक किया जायेगा।
गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या के मार्गदर्शन में विश्व भर के करोड़ों साधक आयुर्वेदिक औषधियुक्त हवन सामाग्री के साथ गायत्री, महामृत्यंजय एवं सूर्य (आदित्य) मंत्रों के उच्चारण कर यज्ञ में आहूती अर्पित करेंगे। ’’गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ-उपासना’’ का मुख्य उद्देश्य मानव कल्याण है। वेद-पुराण और आयुर्वेदिक ग्रंथों में स्वास्थ्य रक्षा के लिये अनेक मंत्रों व उपयों का उल्लेख है। वैदिक काल के ये मंत्र यज्ञ और ये उपाय आज भी अचूक है। इन्ही तथ्यों को ध्यान में रखते हुए यह आयोजन किया जा रहा है। पूरे विश्व में एक दिन एक साथ यज्ञ करने पर प्रयुक्त हवन सामाग्री से जो धूम्र उत्पन्न होगा वह पूरे ब्रम्हाण्ड में समाहित होकर संपूर्ण वातावरण को शुद्ध करेगा।
गायत्री परिवार रायपुर मीडिया प्रभारी प्रज्ञा प्रकाश निगम ने बताया कि यह यज्ञ सभी लोग स्वयं से कर सकते हैं। इस हेतु यज्ञ विधि को अखिल विश्व गायत्री परिवार के यूट्यूब चैनल में भी अपलोड किया गया है । साथ ही मोबाईल एप ’’कर्मकाण्ड भास्कर’’ पर ऑनलाईन तैयारियां की गयी हैं ताकि किसी भी व्यक्ति को स्वयं से यज्ञ करने में कठिनाई उत्पन्न न हो। छत्तीसगढ़ राज्य में भी लाखों घरों में एक दिन एक साथ एक समय में ’गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ करने’’ लक्ष्य रखा गया है। उक्त हेतु राज्य के सभी उपजोन समन्वयक, जिला समन्वयक, शक्ति पीठ के ट्रस्टीगणों एवं परिजनों के साथ गोष्ठी कर इसकी तैयारी करवाई जा रही है।