झारखंड में पेड़ों को काटने की योजना के खिलाफ रामगढ़ के बूढ़ा खाप वनक्षेत्र महिलाएं गोलबंद हो गई हैं। महिलाएं चिपको आंदोलन की तर्ज पर पेड़ों से लिपटकर उन्हें काटने की योजना का विरोध कर रही हैं। महिलाओं का आरोप है कि यहां एक निजी कंपनी के विस्तार के लिए पेड़ काटे जाएंगे। इसके लिए उन्हें चिन्हित करने का काम शुरू हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि एक दिन पहले ही विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली गई। और मात्र चौबीस घंटे बाद ही वनक्षेत्र के पेड़ों को काटने की तैयारी की जाने लगी।
पेड़ों को काटने की योजना के बारे में पता चलते ही मंगलवार को बूढ़ा खाप वनक्षेत्र के आसपास की दर्जनों ग्रामीण महिलाएं पेड़ों से लिपटते हुए इसका विरोध करने लगीं। सूचना पाकर पहुंचे कुजू ओपी प्रभारी विनय कुमार समेत अन्य पुलिस बल के जवान महिलाओं को समझाने बुझाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन महिलाएं मानने के लिए तैयार नहीं थीं।
इधर इस मामले में निजी कंपनी के प्रबंधन ने कहा कि ग्रामीणों में प्लांट के खिलाफ एक डर की भावना पैदा की गई है। प्लांट के विस्तारीकरण को लेकर वन विभाग से जमीन खरीदने व वनभूमि पर लगे पेड़ को हटाने का कार्य प्रारंभ किया गया है। इस प्रक्रिया से फिलहाल कंपनी का कुछ भी लेना-देना नहीं है। जब उक्त वनक्षेत्र की जमीन कंपनी को उपलब्ध होगी तब ली गई जमीन से अधिक जमीन और लगे पेड़ से ज्यादा पेड़ के साथ आवश्यक शुल्क कंपनी राज्य सरकार को देगी। यहां उल्लेखनीय है कि इलाके की ग्रामीण महिलाएं पहले से प्लांट से होने वाले प्रदूषण को लेकर पहले से आंदोलन कर रही हैं। अब यहां वनक्षेत्र के पेड़ों को काटे जाने को लेकर चिन्हित करने का काम शुरू किए जाने से ग्रामीण भड़क उठे हैं।