Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो (ISRO) ने 13 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की पूरी तैयारी कर ली है। भारत का ये महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट अगर सफर रहा तो देश अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक लंबी छलांग लगाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि चंद्रयान-3 के लिए रॉकेट असेंबली पूरी हो चुकी है और इसरो के लिए केवल अंतिम दौर का परीक्षण बाकी है। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, अंतरिक्ष विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अंतरिक्ष यान पूरी तरह से एकीकृत है और पेलोड का काम भी पूरा हो चुका है। अधिकारियों ने कहा कि लॉन्च व्हीकल को अगले सप्ताह तक वाहन असेंबली भवन से दूसरे लॉन्चपैड पर ले जाने की उम्मीद है।
लॉन्च की तारीख लगभग तय
इसरो ने कहा कि लॉन्च की तारीख लगभग तय है जो कि 13 जुलाई है, लेकिन अंतिम घोषणा अभी की जानी है। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ (S Somnath) ने रविवार को कहा कि लॉन्च के लिए समय 12 जुलाई से 19 जुलाई के बीच है। उन्होंने कहा कि हम इस लॉन्च तारीख को बाद वाले हिस्से में ले जाने की बजाय पहले हिस्से में इस मिशन को अंजाम देने की कोशिश में हैं।
तैयारियों से जुड़ी अहम बातें जानिए
- चंद्रयान-3 में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल, एक प्रोपल्शन मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है।
- इसका उद्देश्य अंतरग्रहीय मिशनों के लिए जरूरी नई तकनीकों का विकास और प्रदर्शन करना है।
- लैंडर में एक निर्दिष्ट चंद्र स्थल पर सॉफ्ट लैंडिंग करने और रोवर को तैनात करने की क्षमता होगी, जो चलने के दौरान चंद्र सतह का इन-सीटू रासायनिक विश्लेषण करेगा।
- लैंडर और रोवर के पास चंद्र सतह पर प्रयोग करने के लिए वैज्ञानिक पेलोड होंगे।
- चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा।
- प्रोपल्शन मॉड्यूल लैंडर और रोवर कॉन्फिगरेशन को 100 किमी चंद्र कक्षा तक ले जाएगा।
- रॉकेट की असेंबली इसरो के बेंगलुरु स्थित यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) में की गई, जिसके बाद इसे लॉन्च के लिए श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष बंदरगाह भेजा गया।
- भारत का चंद्रयान कार्यक्रम इसरो द्वारा बाहरी अंतरिक्ष मिशन की एक सतत श्रृंखला है। पहला चंद्रमा रॉकेट चंद्रयान -1 साल 2008 में लॉन्च किया गया था और सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया गया था।
- चंद्रयान -2 को 2019 में सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया और चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया गया, लेकिन 6 सितंबर, 2019 को एक सॉफ्टवेयर गड़बड़ी के कारण उतरने का प्रयास करते समय इसका लैंडर चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा था कि इसरो ने मई में चंद्रयान-3 के पेलोड के लिए असेंबली की प्रक्रिया शुरू की थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अंतरिक्ष एजेंसी जुलाई की लॉन्च की तारीख पर कायम रह सके। अब सभी को इंतजार है 13 जुलाई का जब चंद्रयान-3 चांद की तरफ रुख करेगा और इसी के साथ भारत अंतरिक्ष में एक नया अध्याय लिखेगा।