अपने नाती पोतों के साथ मुख्यमंत्री।
अपूर्व उत्साह की बेला।
पारंपरिक गाजे बाजे के साथ उल्लास से भरे लोग।
मुख्यमंत्री निवास में चारों ओर महक रही छत्तीसगढ़ी संस्कृति की महक।
मुख्यमंत्री निवास में हरेली का अपूर्व उत्साह चारों ओर छलक रहा।
पूरा परिवार मौके पर उपस्थित।
पत्नी श्रीमती मुक्तेश्वरी बघेल भी मौजूद।
पूजा समाप्त हुई और लोक गायकों की सुंदर हुंकार।
अतिथियों से मिल रहे मुख्यमंत्री।
गौमाता की पूजा के लिए आगे बढ़े।
लोक गायकों ने सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया।
छत्तीसगढ़ महतारी और गौमाता की आराधना से रची बसी सुंदर छत्तीसगढ़ी संस्कृति की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल।
हर तरफ उत्सव का माहौल।
जो लोग हरेली के शानदार माहौल को विस्मृत कर चुके थे उनके लिए यह पल पुनः अतीत की बहुत सी स्मृतियों को जगा गया है।
मुख्यमंत्री आवास हरेली के मेले ग्राउंड जैसा लग रहा।
बिल्कुल पारंपरिक छत्तीसगढ़ी परिवेश।
रहचुली झूले में अपनी बिटिया और नातिन के साथ चढ़े मुख्यमंत्री।
लोक संस्कृति का सुंदर दृश्य
अपने हाथों में रखकर मुख्यमंत्री ने चलाया भौंरा
छत्तीसगढ़ी संस्कृति में रचे बसे उनके बचपन की झलक आज इस कुशलता में दिख रही है। हरेली तिहार के मौके पर परंपरागत खेलों का भी सुंदर आयोजन होता आया है।
अपने पोते को भी साथ लेकर पहुंचे हैं मुख्यमंत्री।
आने वाली पीढ़ी भी अपने सांस्कृतिक मूल्यों को लेकर आगे बढ़े, यह मुख्यमंत्री का प्रयास
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हरेली तिहार पर अत्याधुनिक तकनीक से मुख्यमंत्री निवास में जन्मी बछिया और साहीवाल प्रजाति की
उसकी माँ की पूजा=अर्चना की और उन्हें घास खिलाया। बछिया का जन्म विगत 7 जून को लिंग वर्गीकृत वीर्य विधि के माध्यम से हुआ है।