मामला गुजरात के भावनगर से आया है। यहां दो भाई-बहन ने फिनायल पीकर सुसाइड कर लिया। कुछ महीनों जून में पहले एक घर के चार लोगों ने सुसाइड कर लिया था। सुसाइड करने वालों में मां-पिता समेत भाई-बहन भी शामिल थे। इन चारों की आत्महत्या के कुछ महीने बाद बाकी के बचे दो भाई-बहन ने भी फिनायल पीकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। सुसाइड करने वाले युवक का नाम पार्थ है और उसकी बहन का नाम ऋषिता है।
इसी साल 8 जून को जब ऋषिता और पार्थ घर से बाहर गए हुए थे तब उनके परिवार के चार लोगों ने सुसाइड किया था। इन सुसाइड करने वालों में पिता विनूभाई मोरदिया, उनकी पत्नी शारदाबेन, बेटी सैनीता (19) और बेटा कृष थे। इन चारों के सुसाइड करने के बाद घर में ऋषिता और पार्थ अकेले बचे थे और रिश्तेदार के यहां रह रहे थे। रिश्तेदारों ने बताया कि दोनों भाई-बहन ने रिश्तेदारों से कहा था कि वो अपने घरवालों को खोने का दुख बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं, वो सुसाइड कर लेंगे।
माता-पिता और भाई-बहन के सुसाइड के बाद ऋषिता और पार्थ अपने रिश्तेदार के यहां सूरत में रह रहे थे। तीन दिन पहले दोनों अपने पैतृक घर सीहोर तालुका के पदपन गांव लौटे थे। रिश्तेदारों के यहां जब तक रहे दुख का पहाड़ झेल लिया लेकिन घर आते ही उनके सब्र का बांध टूट गया। यहां आकर दोनों भाई-बहन ने फिनायल पीकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
भाई-बहन ने फिनायल पीकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने से पहले बहन ऋषिता ने परिवार में हुई चार मौतों के दो दिन बाद भी सुसाइड का प्रयास किया था। इस बार भी ऋषिता ने फिनायल पी लिया था, लेकिन अस्पताल ले जाकर उसकी जिंदगी बचा ली गई थी।