अरबपति गौतम अडानी के अडानी समूह की विदेश में एक बड़ी डील हो सकती है। समूह की कंपनी अडानी पोर्ट्स एक यूनानी बंदरगाह के अधिग्रहण की योजना पर काम कर रही है। इसके जरिए यूरोप में भारतीय निर्यात को आसान बनाया जा सकेगा।
बता दें कि इसी साल अडानी ने इजराइल के चर्चित बंदरगाह हाइफा पोर्ट का भी अधिग्रहण किया है।
किन पोर्ट्स में अडानी की दिलचस्पी
द टेलीग्राफ ने एक रिपोर्ट में ग्रीक सिटी टाइम्स के हवाले से बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक दिवसीय यात्रा के दौरान ग्रीस में पोर्ट्स के अधिग्रहण पर चर्चा हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक अगर इसकी प्रक्रिया शुरू होती है तो इसमें अडानी समूह की एक या एक से ज्यादा पोर्ट अधिग्रहण की दिलचस्पी हो सकती है। अडानी समूह नॉर्थ ग्रीस स्थित कावला और वोलोस पोर्ट के अधिग्रहण पर विचार कर सकता है। यह एथेंस से 330 किमी दूर स्थित हैं। इसके अलावा अडानी समूह की अलेक्जेंड्रोपोली के पोर्ट में भी दिलचस्पी हो सकती है।
पीरियस पोर्ट पर चीन का कब्जा
स्थानीय ग्रीक मीडिया में यह भी चर्चा है कि भारत अपने यूरोपीय निर्यात के लिए एथेंस के पास ग्रीस के पीरियस पोर्ट का इस्तेमाल करने की संभावना भी तलाश रहा है। हालांकि, इस पोर्ट पर चीन का कंट्रोल है। चीन की COSCO शिपिंग, 67 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पीरियस पोर्ट की मेजर स्टेकहोल्डर है। चीन ने पीरियस को इस क्षेत्र का सबसे बड़ा पोर्ट बना दिया है। शी जिनपिंग ने 2019 में पोर्ट का दौरा किया और इसे यूरोप के साथ चीन के जुड़ाव के अलावा एशिया और यूरोप के बीच कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बताया था।
यूरोप का गेटवे बन सकेगा ग्रीस
नॉर्थ ग्रीस में कावला पूर्वी मैसेडोनिया क्षेत्र का प्रमुख पोर्ट है। हालांकि, भारत के लिए यूरोप में प्रवेश द्वार के रूप में काम करने के लिए इसके विस्तार की जरूरत होगी। अगर भारत एक या अधिक पोर्ट को लेता है तो ग्रीस आधिकारिक तौर पर यूरोप के लिए भारत का गेटवे बन जाएगा।