नोबेल पुरस्कार 2023- लेखक जॉन फॉसे को मिला अवॉर्ड,, चार दशक में दो दर्जन से ज्यादा नाटक लिखे, 40 से ज्यादा भाषाओं में किताबों का हुआ अनुवाद

नॉर्वे के लेखक जॉन फॉसे को उनके नाटकों और गद्य के लिए साहित्य नोबेल पुरस्कार 2023 दिया गया है. इस साल के साहित्य पुरस्कार विजेता जॉन फॉसे ने उपन्यासों को एक ऐसी शैली में लिखा है जिसे ‘फॉसे मिनिमलिज्म’ के नाम से जाना जाता है. इसे उनके दूसरे उपन्यास ‘स्टेंग्ड गिटार’ (1985) में देखा जा सकता है. बताते चलें कि साल 2022 के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार फ्रेंच लेखिका एनी अर्नो (Annie Ernaux) को दिया गया था. एनी का जन्म एक सितंबर 1940 को हुआ था. वह एक फ्रांसीसी लेखक और साहित्य की प्रोफेसर हैं. उनका साहित्यिक कार्य ज्यादातर आत्मकथात्मक, समाजशास्त्र पर आधारित है.

साहित्य में नोबेल पुरस्कार के विजेता जॉन फॉसे एक कवि भी हैं. नोबेल सम्मान मिलने पर जॉन फॉसे ने बयान देते हुए कहा कि “मैं अभिभूत हूं, और कुछ हद तक डरा हुआ हूं. मैं इसे साहित्य के लिए एक पुरस्कार के रूप में देखता हूं, जिसका सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य बिना किसी अन्य विचार के साहित्य होना है.” माना जाता है कि 64 वर्षीय फॉसे ने नॉर्वे के दो आधिकारिक संस्करणों में आम भाषा का सबसे कम इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि वह इस पुरस्कार को इस भाषा को बढ़ावा देने वाले आंदोलन के रूप में देखते हैं और वह इस भाषा के लिए इस पुरस्कार के हकदार हैं.

चार दशक में दो दर्जन से ज्यादा नाटक लिखे
जॉन फॉसे ने अपने 4 दशक के साहित्यिक कार्यकाल में दो दर्जन से अधिक नाटकों के अलावा उपन्यास, निबंध, कविता संग्रह और बच्चों के लिए कई किताबें भी लिखी हैं.

40 से ज्यादा भाषाओं में किताबों का हुआ अनुवाद
उनकी पुस्तकों का पब्लिश करने वाले पब्लिशर का कहना है कि उसने फॉसे के साहित्य कामों का 40 से अधिक भाषाओं में अनुवाद भी किया है और उनके नाटकों की 1,000 से ज्यादा विभिन्न प्रस्तुतियां भी हुई हैं.

कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को चिकित्सा क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार
बताते चलें कि गत सोमवार को फिजियोलॉजी या मेडिसिन क्षेत्र के लिए इस सम्मान के विजेताओं के नाम का एलान भी किया गया था. इस साल कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को चिकित्सा क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया है. इन्हें न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए यह सम्मान दिया गया है. इन दोनों की ओर से खोजी गई तकनीक की वजह से कोविड 19 महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन बनाने में मदद मिली थी.

डॉ. कारिको और वीसमैन की मुलाकात प​हली बार 1990 के दशक की शुरुआत में हुई थी. उस वक्त दोनों अमेरिका में पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में एक साथ काम कर रहे थे.

पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में लंबे समय से सहयोगी रहे हंगरी के कारिको और संयुक्त राज्य अमेरिका के वीसमैन ने अपने शोध के लिए प​हले भी कई पुरस्कार जीते हैं, जिसमें 2021 में प्रतिष्ठित लास्कर पुरस्कार भी शामिल है. इस पुरस्कार को भी अक्सर नोबेल के अग्रदूत के रूप में देखा जाता है.

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