क्या है ED (Enforcement Directorate), 5 दशक पहले क्यों किया गया था इसका गठन, मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार, काला धन, नकली मुद्रा और विदेशी मुद्रा और जानिए इन सभी के बारें में

भारत में ED यानी Enforcement Directorate आर्थिक अपराधों के खिलाफ लड़ने के लिए भारत सरकार द्वारा गठित एक केंद्रीय एजेंसी है। ईडी की स्थापना 1 मई 1956 को हुई थी। वर्तमान समय में ईडी फेरा 1973 और फेमा 1999 के अंतर्गत काम करता है।वहीं, वर्तमान समय में ईडी के पांच मुख्य कार्यालय है जो कि मुंबई, चेन्नई, चंडीगढ़, कोलकाता और दिल्ली में स्थित है। यह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तहत एक शीर्ष एजेंसी है। ED का मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसके कार्यालय पूरे भारत में स्थित हैं। ED के पास आर्थिक अपराधों की जांच और उन पर मुकदमा चलाने की विशेष शक्तियां दी गई है। इन अपराधों में मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार, काला धन, नकली मुद्रा और विदेशी मुद्रा का गैरकानूनी निवेश शामिल हैं।

ED को मिली हैं ये शक्तियां-

  1. ED बिना किसी वारंट के आधार पर ही किसी भी व्यक्ति या कंपनी के खिलाफ जांच शुरू कर सकता है।
  2. ED किसी भी व्यक्ति या कंपनी के पास जांच के योग्य मौजूद दस्तावेज और अन्य सबूत को जब्त कर सकता है।
  3. ED किसी व्यक्ति या कंपनी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर सकता है।

आर्थिक अपराधों में निभा सकता है ED ये अहम भूमिका-

  • आर्थिक अपराधों की जांच करना, जैसे काला धन, मनी लांड्रिंग, भ्रष्टाचार और विदेशी मुद्रा का गैरकानूनी निवेश।
  • आर्थिक अपराधों में शामिल लोगों के खिलाफ जांच शुरू करना और उन पर मुकदमा चलाना।
  • आर्थिक अपराधों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ आर्थिक दंड लगाना।
  • आर्थिक अपराधों के बारे में सरकार की सहकारी विभाग और कंपनियों के द्वारा जागरूकता फैलाना।
  • फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत ED वित्तीय अपराधों की जांच करता है, जैसे कि काला धन और विदेशी मुद्रा का गैरकानूनी निवेश।

ED से सरकार को क्या फायदे मिलते हैं?

  • ED आर्थिक प्रणाली की सुरक्षा में मदद करता है। यह सुनिश्चित करता है कि आर्थिक प्रणाली में लेनदेन वैध और पारदर्शी हों।
  • ED के कार्यवाही से सरकार को राजस्व में वृद्धि होती है। यह आर्थिक अपराधियों से जब्त की गई संपत्तियों को सरकारी खाते में जमा करता है।
  • ED आर्थिक अपराधों मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार, काला धन, नकली मुद्रा और विदेशी मुद्रा का गैरकानूनी निवेश के खिलाफ लड़ने में सरकार की मदद करता है।
  • ED की कार्यवाही से यह स्पष्ट होता है कि भारत सरकार आर्थिक अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह किसी भी व्यक्ति को कानून के दायरे में ला सकता है, चाहे वह कितना भी प्रसिद्ध या शक्तिशाली क्यों न हो।

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