अरबपति उद्योगपति गौतम सिंघानिया की पत्नी नवाज मोदी सिंघानिया ने फैमिली सेटलमेंट के तहत अपनी दो बेटियों निहारिका और निसा और खुद के लिए उनकी कथित तौर पर $1.4 बिलियन की कुल संपत्ति का 75% मांगा है. यानी 11,660 करोड़ की संपत्ति में से उनकी पत्नी ने 8745 करोड़ रुपये मांगे हैं. ईटी की खबर के अनुसार, इस मामले से जुड़े हुए एक व्यक्ति ने यह जानकारी दी.
ऐसा माना जा रहा है कि गौतम सिंघानिया इस डिमांड से काफी हद तक सहमत हो गए हैं, लेकिन उन्होंने एक फैमिली ट्रस्ट स्थापित करने और परिवार की संपत्ति को उसमें ट्रांसफर करने का सुझाव दिया है, जहां वह एकमात्र प्रबंध ट्रस्टी होंगे.
नवाज मोदी को यह शर्त नामंजूर
इस मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि गौतम सिंघानिया की मृत्यु पर, उनके परिवार के सदस्यों को उनके बाद संपत्ति की वसीयत करने की अनुमति दी जाएगी. लेकिन, माना जा रहा है कि यह शर्त नवाज मोदी सिंघानिया को मंजूर नहीं है. रेमंड ग्रुप में पहले से ही कई ट्रस्ट बने हुए हैं. इनमें जे.के. ट्रस्ट और सुनीति देवी सिंघानिया हॉस्पिटल ट्रस्ट शामिल हैं, इनके पास रेमंड लिमिटेड में 1.04 प्रतिशत हिस्सेदारी है. वहीं, गौतम सिंघानिया इन ट्रस्ट के चेयरमैन और मैनेजिंग ट्रस्टी हैं, जबकि नवाज मोदी सिंघानिया भी इनमें एक ट्रस्टी हैं.
खेतान एंड पार्टनर के एच. खेतान को इस मामले में गौतम सिंघानिया का लीगल एडवाइजर बनाया गया है. वहीं, मुंबई की रश्मि कांत, नवाज मोदी सिंघानिया की वकील बन सकती हैं. लीगल एक्सपर्ट्स का कहना है कि गौतम सिंघानिया का फैमिली ट्रस्ट बनाकर अकेले चेयरमैन और ट्रस्टी बने रहना मुश्किल हो सकता है. गौतम सिंघानिया ने इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया.