केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने दिग्गज एडुटेक फर्म बायजूज को 9 हजार करोड़ रुपये के मामले में इसे कारण बताओ नोटिस भेजा है। इसे यह नोटिस विदेशी मुद्रा से जुड़े नियमों FEMA (फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) के उल्लंघन के मामले में भेजा गया है। हालांकि कंपनी का कहना है कि इसे एन्फोर्स्मन्ट डाइरेक्टरट (ED) से कोई नोटिस नहीं मिला है। सीएनबीसी-टीवी18 की रिपोर्ट के मुताबिक ED ने बायजूज की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और इसके फाउंडर बायजू रवींद्रन को नोटिस भेजा है। इस मामले में ED ने कोई जवाब नहीं दिया है।
Byju’s ने क्या कहा
बायजूज के प्रवक्ता ने ईडी की तरफ से नोटिस को लेकर कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। प्रवक्ता के मुताबिक कंपनी को केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने ऐसा कोई नोटिस नहीं भेजा है जिसे लेकर चर्चा हो रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक बायजूज की पैरेंट कंपनी और इसके फाउंडर को ईडी ने कारण बताओ नोटिस भेजा है। इससे पहले ED ने अप्रैल में बंगलुरु में इसके तीन ठिकानों पर छापा मारा था। यह छापेमारी फेमा से जुड़ा प्रावधानों के तहत हुई थी। उस समय ईडी ने दावा किया था कि उसने कई डॉक्यूमेंट्स और डिजिटल डेटा जब्त कर लिया है। ईडी ने यह भी खुलासा किया था कि कंपनी को 2011 से 2023 की अवधि के दौरान लगभग 28,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) मिला। इसके अलावा ED ने आरोप लगाया कि कंपनी ने इसी अवधि के दौरान विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के नाम पर दूसरे देशों में करीब 9,754 करोड़ रुपये भी भेजे।
मार्च 2022 में बनी थी देश की सबसे अधिक वैल्यू वाली स्टार्टअप
करीब 10 साल पुरानी कंपनी बायजूज ने मार्च 2022 में 2200 करोड़ डॉलर के वैल्यूएशन पर 80 करोड़ डॉलर जुटाया था और यह देश की सबसे अधिक वैल्यू वाली स्टार्टअप बन गई। हालांकि उसके बाद से यह वित्तीय नतीजे में देरी, ऑडिटर डेलॉयट के इस्तीफे और बोर्ड के तीन अहम सदस्यों के इस्तीफों जैसी वजहों से लगातार विवादों से जूझ रही है