रायगढ़– ओपी चौधरी को कुछ अहम पद जरूर मिलने वाला है। खबर है कि ओपी चौधरी को दिल्ली बुलावा आया है। जानकारी के मुताबिक ओपी चौधरी को अमित शाह के कार्यालय से फोन आया था, उन्हें दिल्ली कल ही बुलाया गया है। दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के बुलावे के बाद आज ही ओपी चौधरी देर रात रायपुर पहुंचेंगे और फिर सुबह दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
ओपी चौधरी रायगढ़ जिले के बायंग गांव के रहने वाले हैं। इस जिले से सिलेक्ट होने वाले वो पहले आईएएस अफसर हैं। अपने 13 साल की सर्विस में उन्होंने छत्तीसगढ़ में ऐसी कई योजनाओं पर काम किया जिससे उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया गया।
– राजधानी स्थित प्रयास स्कूल चौधरी की ही देन मानी जाती है, जहां नक्सल प्रभावित इलाकों के बच्चों को उच्च प्रतियोगी परीक्षाओं की पढ़ाई के साथ ही रहने के लिए भी सुविधाएं दी जाती है।
– दंतेवाड़ा में कलेक्टर रहते हुए उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाके को एजुकेशन हब में बदल दिया था, जिसके चलते तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वर्ष 2011-12 में उन्हें प्रधानमंत्री एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया था।
चौधरी जब 8 साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था। ऐसे में मां ने ही उन्हें पढ़ाया-लिखाया और वे आज इस मुकाम पर हैं। उन्होंने 12th में ही आईएएस बनने का फैसला ले लिया था।
– पीईटी में सिलेक्शन होने के बावजूद उसे छोड़ दिया, क्योंकि वह खुद को कलेक्टर के तौर पर ही देखना चाहते थे। 23 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बनने और इतनी बड़ी सफलता के बावजूद वो हमेशा अपनी जमीन से जुड़े रहते हैं।
– चौधरी कहते हैं, ‘जैसे ही आप बड़े ओहदे पर आते हैं, आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। ऐसे में आपकी परवरिश और संस्कार ही आपको जमीनी हकीकत से जोड़े रखती है। आज जमीनी हकीकत के जितने नजदीक होते हैं, उतने ही उसपर खरे उतरते हैं।’