भारत का सबसे बड़ा जानवरों का अस्पताल बनने जा रहा है। इस अस्पताल को बनाने में 500 करोड़ रुपए से अधिक का लागत आएगा। इस अस्पताल को ‘जानवरों के लिए एम्स’ कहा जा रहा है यानी इसकी तुलना एम्स की सुविधाओं से की जा रही है। यह हॉस्पिटल आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। इस अस्पताल को राष्ट्रीय वन्यजीव रोग निदान और अनुसंधान केंद्र (एनडब्ल्यूडीडीआरसी) जूनागढ़ से करीब 20 किलोमीटर दूर नवा पिपलिया गांव में बनाएगा। यह हॉस्पिटल 21 हेक्टेयर जमीन पर बनाया जाएगा। ‘देश गुजरात’ की रिपोर्ट के मुताबिक, जानवरों के लिए अस्पताल बनाने के लिए वन विभाग ने जमीन पर कब्जा कर लिया है। वहीं राज्य सरकार भूमि पूजन की तैयारियों में है। तारीख अभी तय नहीं की गई है। भूमि पूजन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।
इस परियोजना से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इस हॉस्पिटल की सुविधा एम्स जैसी होगी। इसलिए इसे जानवरों के लिए एम्स भी कहा जा रहा है। इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार किया जा रहा है। जानवरों में बढ़ती बीमारियों को देखते हुए इस अस्पताल को बनाया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि यह रेफरल अस्पताल प्रोजेक्ट लायन का हिस्सा है। यहां आधुनिक सुविधाएं होंगी जिससे महामारी और जानवरों की बीमारियों के इलाज पर रिसर्च भी किया जा सकेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस अस्पताल को बनाने में करीब 500 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस अस्पताल में जानवरों के इलाज के साथ-साथ सैंपल की जांच, वैक्सीन निर्माण, इंटरनेशनल लैब, आदि की सुविधा होगी। यह अस्पताल गुजरात के जूनागढ़ से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर बन रहा है। अस्पताल नवा पिपलिया नाम के गांव में बन रहा है। कुल 21 हेक्टेयर जमीन पर इस अस्पताल का निर्माण कार्य होगा। भूमि पूजन की तारीख अभी तय नहीं की गई है। जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी इस अस्पताल का भूमि पूजन करेंगे।