मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई बैठक में भोपाल में बीआरटीएस को हटाने पर सहमति बनी। जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में बीआरटीएस के कारण यातायात में उत्पन्न हो रही विभिन्न दिक्कतों पर विस्तृत चर्चा हुई, तत्पश्चात यह सहमति बनी।
बैठक में राजधानी में बीआरटीएस की लंबाई के अलग-अलग हिस्सों को चरणबद्ध रूप से हटाने एवं सड़क के समतलीकरण एवं सुगम यातायात के अनुकूल मार्ग के विकास के कार्यों की योजना पर भी बातचीत हुई। इस बैठक के साथ ही लोक निर्माण विभाग द्वारा लेक कॉरीडोर के प्रस्ताव पर भी प्रस्तुतिकरण एवं चर्चा हुई।
बनेगा सेंट्रल रोड डिवाइडर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में बीआरटीएस से पैदा हुई अनेक समस्याओं के अलग-अलग पहलुओं पर विस्तार से बातचीत हुई। भोपाल जिले के विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधि जिनमें मंत्रीगण और विधायकगण शामिल हैं, उनसे भी अनेक सुझाव प्राप्त हुए। बैठक में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर सर्वसम्मति से भोपाल के बीआरटीएस को हटाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में मंत्री श्री विश्वास सारंग, श्रीमती कृष्णा गौर, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, श्री भगवान दास सबनानी, भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री राघवेन्द्र सिंह, सचिव श्री विवेक पोरवाल, प्रमुख सचिव नगरीयविकास एवं आवास श्री नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री सुखवीर सिंह, कमिश्नर डॉ. पवन शर्मा एवं कलेक्टर भोपाल श्री आशीष सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के प्रमुख बिन्दु
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जनप्रतिनिधियों ने कहा कि बीआरटीएस हटाने के निर्णय से व्यस्त मार्गों पर यातायात का दबाव कम हो सकेगा।
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जनप्रतिनिधिइस बात पर भी सहमत हुए कि स्थानीय परिवहन व्यवस्था को अधिक सुविधाजनक बनाया जा सकेगा। संपूर्ण यातायात को सुगम बनाया जाएगा।
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बीआरटीएस के स्थान पर सेंट्रल रोड डिवाइडर बनाने पर सहमति हुई।
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वर्तमान बीआरटीएस व्यवस्था पर प्रस्तुतिकरण में बीआरटीएस के विभिन्न हिस्सों में डेडिकेटेड कॉरीडोर और मार्ग के अन्य हिस्सों में वाहनों की आवाजाही से संबंधित तथ्य भी रखे गए। नगर के विभिन्न स्थानों पर बीआरटीएस के स्वरूप और की गई व्यवस्थाओं की जानकारी भी दी गई।