क्या आप जानते हैं आर्मी कैंटीन में सामान बाजार भाव से सस्ता क्यों मिलता है. भारतीय सेना के जवानों के लिए स्थापित किए गए कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (CSD) में सेवा में कार्यरत और रिटायर्ड जवानों सभी को अच्छे डिस्काउंट पर सामान मिलता है. लगभग 13.5 मिलियन यानी 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा जवान और उनके परिवारों को सीएसडी का लाभ उठा रहे हैं. कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (CSD) की स्थापना 1948 में की गई थी. यहां रोजमर्रा की जरूरी चीजें मिलती हैं. इनमें ग्रॉसरी से लेकर कपड़े, जूते और इलेक्ट्रॉनिक सामान समेत कई प्रोडक्ट्स मिलते हैं. सीएसडी स्टोर सभी प्रमुख सैनिक अड्डों पर खुले हुए हैं और सेना के जवान ही इन्हें चलाते हैं. देश मे अलग-अलग मिलिट्री स्टेशन पर CSD डिपो बने हुए हैं. देश में करीब 3700 यूनिट रन कैंटीन हैं. आर्मी कैंटीन से शॉपिंग करने के लिए सैन्य जवानों को स्मार्ट कार्ड जारी किए जाते है. इनका इस्तेमाल करके सेना के जवान तथा अधिकारी कैंटीन से सामान खरीद सकते हैं. स्मार्ट कार्ड भी 2 प्रकार के होते हैं. इनमें एक ग्रॉसरी कार्ड और दूसरा लिकर कार्ड होता है.
ग्रॉसरी कार्ड से जहां किराने का सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स आदि खरीद सकते हैं. जबकि, लिकर कार्ड का इस्तेमाल करके शराब की खरीदारी की जाती है. सवाल है कि क्या आम आदमी यहां से सामान खरीद सकता है तो इसका जवाब है नहीं, क्योंकि यह सिर्फ सेना के जवानों के लिए ही उपलब्ध होता है. कई लोगों के मन में सवाल रहता है कि आर्मी कैंटीन में इतना सस्ता सामान क्यों मिलता है? एबीपी लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, सीएसडी कैंटीन में मिलने वाले प्रोडक्ट्स पर सरकार जीएसटी में 50 प्रतिशत तक की छूट देती है. इसी वजह से यहां सामान सस्ता मिलता है. हालांकि, यहां से सामानों की खरीदी के लिए सेना ने हर जवान के लिए एक लिमिट तय की है और इससे ज्यादा कोई शॉपिंग नहीं कर सकता है.