झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एससी/एसटी पुलिस थाने में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वरिष्ठ कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कराई है। सोरेन के दिल्ली आवास पर केंद्रीय जांच एजेंसी के हालिया तलाशी अभियान के संबंध में पुलिस शिकायत दर्ज कराई गई थी।रांची के वरिष्ठ पुलिस आधिकारी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया, ‘ईडी के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है… हमें मुख्यमंत्री की अर्जी मिली है।’
सिन्हा ने प्राथमिकी के मामले में कोई अन्य जानकारी नहीं दी। गौरतलब है कि ईडी की एक टीम ने सोमवार को सोरेन के दिल्ली आवास की तलाशी ली और झारखंड में एक कथित जमीन सौदे से जुड़े धनशोधन मामले में उनसे पूछताछ करने के लिए लगभग 13 घंटे तक वहां डेरा डाले रखा। एजेंसी ने तलाशी के दौरान 36 लाख रुपये नकद, एक एसयूवी और कुछ ‘आपत्तिजनक’ दस्तावेज जब्त करने का दावा किया है। ईडी के अधिकारी फिलहाल सोरेन से उसी मामले के संबंध में उनके रांची स्थित आवास पर पूछताछ कर रहे हैं।
वहीं, सोरेन के इस ऐक्शन के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, ‘मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी ने ईडी के अधिकारियों के ऊपर अपने एसटी होने का हवाला देकर केस दर्ज किया। मुख्यमंत्री जी SC/ST का क़ानून ना आपने पढ़ा ना आपके अधिकारियों ने किसी क़ीमत पर आप केस नहीं दर्ज कर सकते। मूर्खता की पराकाष्ठा देखना है तो झारखंड आइए।’
36 लाख रुपये प्लांट कराने का लगाया आरोप
सीएम के आवेदन में आरोप लगाया गया है कि वह 27 जनवरी को दिल्ली गए थे और शांतिनिकेतन स्थित 5/01 आवास में रुके थे। सीएम के अनुसार जब वह 30 जनवरी को रांची लौटे तो मीडिया की खबरों से जानकारी मिली कि झारखंड भवन और शांति निकेतन स्थित आवास पर मेरी अनुपस्थिति में प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों ने सर्च ऑपरेशन चलाया था। इसकी वजह से उनके और उनके परिवार की छवि धूमिल हुई है। स्थानीय मीडिया में जिस तरह से खबरें चलाई जा रही थी उससे साफ है कि एक आदिवासी को प्रताड़ित करने के लिए भूमिका बनाई गई थी। दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
बिना नोटिस और गैरमौजूदगी के ली गई तलाशी
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि बिना किसी नोटिस या मेरी गैरमौजूदगी में दोनों जगहों की तलाशी ली गई जबकि पूर्व में ईडी ने 29 जनवरी से 31 जनवरी के बीच मेरा बयान दर्ज करने के लिए समय मांगा था। सर्च की खबर को नेशनल और लोकल मीडिया में गलत तरीके से प्रसारित कर उनका तमाशा बनाया गया। इसकी वजह से उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। मीडिया में यह भी खबर दिखाई गई कि मेरे दिल्ली आवास से एक बीएमडब्ल्यू कार और भारी मात्रा में अवैध कैश बरामद हुआ है, जबकि मैं उस बीएमडब्ल्यू कार का मालिक नहीं हूं। जिन लोगों ने इस तरह की कार्रवाई की है, वे लोग आदिवासी समाज से जुड़े नहीं हैं। इन अफसरों ने जानबूझकर जनता के बीच मेरी छवि को धूमिल करने की कोशिश की है। सीएम ने कहा है कि उनके पास कोई अवैध कैश नहीं था।