देश में आज यानी 27 फरवरी को राज्यसभा के चुनाव के लिए मतगणना होने वाली है। दरअसल, हर दो साल में राज्यसभा की कम से कम 33 प्रतिशत सीटों पर चुनाव होते हैं। इस बार 15 राज्यों से 56 सांसदों का चयन किया जाना है। हालांकि, 15 राज्यों (States) से में 12 राज्यों में जितने सीटें खाली थी, उतने ही उमीदवारों ने नामांकन भरा है।
यानी कि वे निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। ऐसे में तीन राज्यों (कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश) से 15 सीटों के लिए कड़ा मुकाबला देखने मिल सकता है। इन्हीं राज्यों में आज राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाले हैं। तो आइए जानते हैं इन राज्यों का समीकरण। सबसे पहले बात करें उत्तर प्रदेश की तो, बीजेपी शासित इस राज्य में राज्यसभा चुनाव में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी, जिसमें 10 सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आठ और विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि देश में आम चुनाव से ठीक पहले हो रहे राज्यसभा चुनाव के नतीजों का राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश पर प्रभाव पड़ेगा।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के पास क्रमशः सात और तीन सदस्यों को निर्विरोध राज्यसभा भेजने के लिए विधानसभा सदस्यों का पर्याप्त संख्या बल है, लेकिन भाजपा ने अपने आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ को मैदान में उतारा है, जिससे एक सीट पर कड़ी प्रतिस्पर्धा होने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश की तरह कर्नाटक में भी राज्यसभा चुनाव का माहौल दिलचस्प हो गया है। यहां भी भाजपा-जद(एस) गठबंधन ने अपना दूसरा उम्मीदवार (कुपेंद्र रेड्डी) मैदान में उतारा, हालांकि गठबंधन चार में से केवल एक सीट जीतने की ताकत रखता है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, प्रत्येक उम्मीदवार को जीत के लिए 45 वोट हासिल करने होंगे।
‘क्रॉस वोटिंग’ की आशंकाओं के बीच सभी पार्टियों ने मतदान के लिए अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है। कर्नाटक में कांग्रेस के पास 134 विधायक जबकि भाजपा के पास 66 और जद (एस) के पास 19 विधायक हैं, जबकि चार अन्य विधायक हैं।
हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है। सबसे पुरानी पार्टी ने यहां से अभिषेक मनु सिंघवी को अपना उम्मीदवार बनाया है। अपने उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए किसी भी पार्टी को 35 वोट की जरूरत होगी। कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं। जबकि तीन निर्दलिय भी सरकार के साथ हैं। ऐसे में हिमाचल में कांग्रेस का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है। हालांकि, बीजेपी ने यहां हर्ष महाजन को टिकट डे रखा है, जो कांग्रेस से ही भाजपा में आए हैं। ऐसे में बीजेपी उम्मीद करेगी कि हर्ष कांग्रेस विधायकों से क्रॉस वोटिंग अपने कब्जे में ले सके। लेकिन, यह थोड़ा मुश्किल भी नज़र आ रहा है।