पश्चिमी एशियाई देश सीरिया में आतंकियों ने मौत का तांडव मचा दिया है। जानकारी के अनुसार यहां आतंकियों ने बुधवार को पूर्वी सीरिया में ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। अचानक हुए इस हमले में 18 लोगों के मरने की खबर है। जबकि हमले में 16 लोग जख्मी हो गए। मौत का यह आंकड़ा बढ़ सकता है। वहीं इस हमले के बाद 50 लोग लापता हो गए हैं। पूर्वी सीरिया में उन ग्रामीणों पर आतंकियों ने दनादन गोलियां चलाईं, जो ट्रफल्स एकत्र कर रहे थे।
मिली जानकारी के अनुसार इस्लामिक स्टेट यानी आईएसआईएस के आतंकियों ने बुधवार को पूर्वी सीरिया में ट्रफल्स एकत्र कर रहे ग्रामीणों पर हमला कर दिया। इस हमले में 18 लोगों की मौत हुई, वहीं 18 लोग घायल हो गए। जिस ट्रफल्स को ग्रामीण एकत्र कर रहे थे, वो एक मौसमी फल है, जिसे ऊंची कीमत पर बेचा जाता है। सीरिया में कई लोग इन्हें इकट्ठा करने के लिए बाहर जाते हैं, क्योंकि यहां 90 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे है।
50 लोगों के अगवा किए जाने की आशंका
इस घटना के संबंध में ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि हमले में करीब 50 लोग लापता भी हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इन्हें आईएस के आतंकियों ने अगवा कर लिया है। ऑब्जर्वेटरी ने कहा कि मृतकों में सरकार समर्थक राष्ट्रीय रक्षा बलों के 4 मेंबर भी शामिल हैं।
स्थानीय मीडिया ने किया 44 लोगों के मरने का दावा
सरकारी मीडिया हाउस दामा पोस्ट के अनुसार मरने वालों की संख्या 44 बताई जा रही है। दामा पोस्ट के अनुसार इस्लामिक स्टेट समूह की ओर से किए गए हमलों में यह अब तक का सबसे घातक हमला है। हमला इराक की सीमा से लगे पूर्वी प्रांत दीर अल-ज़ौर में कोबाजेब शहर के पास एक रेगिस्तानी इलाके में हुआ।
सीरिया के हालात बेहद बुरे
यह देश गरीबी के बुरे दौर से गुजर रहा है। यही नहीं, आतंकवाद से बुरी तरह पीड़ित है। यहां के लड़ाकों पर अमेरिकी और इजराइली हमले हाल के समय में कई बार होते रहे हैं। आतंकवाद, गरीबी से जूझते इस देश की हालत बड़ी शोचनीय है। यहां 90 फीसदी से ज्यादा आबादी बेहद गरीबी में जीवन जी रही है। वहीं सालभर पहले आए भूकंप ने इस देश के सामान्य जनजीवन और यहां की इकोनॉमी को और झकझोर दिया था, जिससे पूरी तरह यह देश नहीं उबर पाया है।