चुनाव आयोग ने 14 मार्च को चुनावी बॉन्ड की पूरी डिटेल अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। एसबीआई ने इससे पहले मंगलवार को इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को उपलब्ध कराई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को ऐसा करने का आदेश दिया था। चुनाव आयोग ने 763 पन्नों में दो लिस्ट अपलोड की है। पहली लिस्ट में डोनर और उनके द्वारा खरीदे गए चुनावी बॉन्ड और रकम का उल्लेख है। जबकि दूसरी लिस्ट में पार्टियों द्वारा लिए गए चुनावी बॉन्ड और उनकी कुल रकम की जानकारी है।
चुनावी दान करने वाली कंपनियों की लिस्ट
राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों में सबसे ऊपर पर फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज (लॉटरी मार्टिन) का है। इस कंपनी ने राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा 1,368 करोड़ रुपए का चंदा दिया। दूसरा नंबर मेघा ग्रुप ऑफ कंपनीज का है, जिसने 1,186 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड कंपनी ने 220 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं। डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स लिमिटेड ने 130 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे हैं। वहीं, भारती एयरटेल लिमिटेड ने 183 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे।
वहीं, वेदांता लिमिटेड ने 366 करोड़ के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं। जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड ने 125 करोड़ के चुनावी बॉन्ड खरीदे। यशोदा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने 162 करोड़ के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं।
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राजनीतिक दलों पर एक नजर
चुनाव आयोग द्वारा अपलोड की गई जानकारी में दूसरी सूची के अंदर पार्टियों का जिक्र है। इसमें पहले नंबर पर बीजेपी है, जिसे 2363 करोड़ से ज्यादा का चंदा मिला है। दूसरे नंबर पर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी है, जिसे 416 करोड़ से ज्यादा का चंदा मिला। वहीं, बीजू जनता दल तीसरी सबसे ज्यादा चंदा पाने वाली पार्टी है, जिसे 328 करोड़ का चंदा मिला। वहीं, कांग्रेस को 302 करोड़ और डीएमके को 294 करोड़ रुपए का चंदा मिला।