गुलाम नबी आजाद से ऐलान किया है कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. अनंतनाग-राजौरी सीट से उनकी पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) ने उन्हें उम्मीदवार घोषित किया था. उनकी पार्टी से एडवोकेट मोहम्मद सलीम परे चुनाव लड़ेंगे. गुलाम नबी आजाद को 2014 में कठुआ-उधमपुर लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी के डॉ. जितेंद्र सिंह ने हराया था. इसी सीट से पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी चुनावी मैदान में हैं.
पार्टी के प्रोविंशियल प्रेसिडेंट अमीन भट्टा ने कहा, “गुलाम नबी आजाद ने पार्टी नेताओं के एक दो घंटे बैठक चली. इस बैठक में फैसला लिया गया कि सलीम परे अनंतनाग-राजौरी सीट से पार्टी के उम्मीदवार होंगे. गुलाम नबी आजाद ने ये फैसला क्यों लिया, इस पर पार्टी नेता ने कहा कि इसके पीछे कुछ वजह हैं. सभी ने सहमति से सलीम परे को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया.”उमर अब्दुल्ला ने कहा कि गुलाम नबी आजाद हार के डर से चुनाव नहीं लड़ रहे, इस सवाल के जवाब में अमीन भट्ट ने कहा, “ये उमर साहब की बौखलाहट है. आजाद साहब ने महाराष्ट्र में दो बार इलेक्शन जीता है. वो थोड़ी डरेंगे. मीटिंग में दो दो बार चाय पी गई, सब खुश थे.”