लोकसभा चुनाव में एनडीए के बहुमत के बाद वह दिन आ गया है जब नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। शाम को 7:15 बजे से राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण का कार्यक्रम शुरू होगा। इससे पहले ही मंत्रिपरिषद की लिस्ट सौंप दी जाएगी। इस बार बीजेपी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिल सकता है। ऐसे में टीडीपी और जेडीयू सरकार में बड़ीभूमिका में रहने वाले हैं। वहीं चर्चा है कि बीजेपी फिलहाल अहम मंत्रालय अपने ही पास रखेगी। अमित शाह और राजनाथ सिंह को बड़ी जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं। वहीं बीजेपी से भी शिवराज सिंह चौहान, बिप्लव देव और बासवराज बोम्मई जैसे नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी गृह, वित्त, रक्षा और विदेश मंत्रालय अपने पास रखेगी। इसके अलावा शिक्षा और संस्कृति मंत्रालय भी बीजेपी ही रख सकती है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एक सीनियर बीजेपी नेता ने कहा कि बीजेपी बहुमत के आंकड़े से केवल 32 सीट पीछे है। उसके पास अब भी एक अच्छा आंकड़ा है। बता दें कि टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू दिल्ली पहुंच गए थे लेकिन मीडिया सिलेब्रिटी रामोजी राव के निधन की वजह से उन्हें फिर हैदराबाद लौटना पड़ा। रविवार को वह दिल्ली लौटेंगे. सूत्रों का कहना है कि टीडीपी मंत्रालय के दो बर्थ ले सकती है। वहीं पवन कल्याण की जनसेना का भी एक मंत्री हो सकता है। संभावित मंत्रियों में श्रीकाकुलम से सांसद के राम मोहन नायडू और गुंतूर से सांसद चंद्र शेखर पेमासानी का नाम है। इसके अलावा चित्तूर सेसांसद डग्गुमाल्ला प्रसाद राव भी शपथ ले सकते हैं। जेडीयू के तीन नेता मोदी सरकार में मंत्री हो सकते हैं। इसके अलावा चिराग पासवान भी कैबिनेट मंत्री हो सकते हैं। इस चुनाव में जेडीयू ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की है तो चिराग पासवान की पार्टी को सभी पांच सीटों पर जीत मिली है।
महाराष्ट्र में इस साल के आखिरी में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसलिए मंत्रिपरिषद में महाराष्ट्र का भी अच्छा प्रतिनिधित्व रह सकता है। महाराष्ट्र में एनडीए का प्रदर्शन इस बार अच्छा नहीं रहा है। वहीं इंडिया गठबंधन ने बीजेपी को कड़ी चुनौती दी है। सूत्रों का कहना है कि अमित शाह और राजनाथ सिंह को फिर बड़े मंत्रालय मिलेंगे। इसके अलावा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्र शिवराज सिंह चौहान, मनोहरलाल खट्टर, बिप्लव कुमार देव और बासवराज बोम्मई को बड़ी जिम्मेदारियां मिलेंगी। इसके अलावा एनडीए निर्दलीयों पर भी पकड़ बनाने की कोशिश करेगी। सात निर्दलीय सांसदों में से एक ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया है।