हर साल 15 जून को सड़क सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है इस दिन एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल ने सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें 500 से अधिक लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और यातायात नियमों के पालन की अहमियत को समझाना था। ज़ुम्बा और नुक्कड़ नाटक जैसे आकर्षक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को सड़क सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराया गया।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने प्रमुख भूमिका निभाई, जिनमें डॉ.एच पी सिन्हा, डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. घनश्याम, सरापाड़ी, डॉ अक्षय किलेदार और डॉ. अजय मिश्रा शामिल थे। इन विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अपनी ज्ञान और अनुभव साझा करते हुए लोगों को सड़क सुरक्षा के महत्व के बारे में बताया। एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल ने हमेशा से सामुदायिक सेवा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और इस कार्यक्रम के माध्यम से अपने इस संकल्प को और मजबूत किया है।
कार्यक्रम में एआईजी ट्रैफिक संजय शर्मा, चेयरमैन इंटर डिपार्टमेंटल लीड एजेंसी रोड सेफ्टी, शाजी लुकोज, रीजनल बिजनेस हेड सीजी माय एफएम, श्री गुरजीत सिंह डी एस पी ट्राफिक रायपुर, और श्री टिकेलाल भोई, ट्रैफिक ट्रेनर की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी महत्वपूर्ण बना दिया। इन विशिष्ट अतिथियों ने लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया और अपने विचार साझा किए।
इस कार्यक्रम में ट्रैफिक पुलिस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे सड़क सुरक्षा के मामले में जागरूकता बढ़ी और लोगों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया। उनके सक्रिय योगदान से कार्यक्रम को और भी सुरक्षित बनाया गया। ट्रैफिक पुलिस के योगदान को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने हमारे साथ मिलकर इस समारोह को सफल बनाया| ट्राफिक विभाग द्वारा चयनित गुड सेमेरिटर्न के तहत 4 युवकों को सड़क दुर्घटना से पीढ़ित लोगों की सहायता के लिए एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल ने सम्मानित किया गया
एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल के फसिलिटी डायरेक्टर श्री अजीत कुमार बेलमकोंडा जी ने सभी अतिथियों का हार्दिक धन्यवाद किया और सड़क सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी इमरजेंसी सेवाएं हमेशा आपकी सेवा में तत्पर हैं और सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करके हम सभी मिलकर एक सुरक्षित समाज का निर्माण कर सकते हैं। इस कार्यक्रम ने एक बार फिर से यह सिद्ध कर दिया कि सामूहिक प्रयासों से ही हम सड़क दुर्घटनाओं को कम कर सकते हैं और एक सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।