देश में पेपर लीक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एक महीने में एनटीए चार बार फेल हो गई। ऐसे में अब युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया। शिक्षा मंत्रालय भी एक्शन मोड में है। नीट पेपर लीक मामले में धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को एक हाईलेवल कमेटी बना दी, जो 2 महीने में जांच कर रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी।
शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक्सपर्ट्स की एक हाईलेवल कमेटी का गठन किया। कमेटी परीक्षा प्रक्रिया और डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार, एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करेगी। यह समिति 2 महीने के अंदर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट देगी। पूर्व इसरो अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में हाईलेवल कमेटी जांच करेगी। उन्हें इस कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इस कमेटी में दिल्ली एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. बीजे राव, आईआईटी मद्रास के प्रो. राममूर्ति के, आईआईटी दिल्ली के प्रो. आदित्य मित्तल, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल, कर्मयोगी भारत के सह संथापक प्रो. पंकज बंसल शामिल हैं।